दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
हर
घर के स्वागत द्वार पर
छोटे-छोटे
दीपों का हार है
प्रभु
की स्नेहिल अनुकम्पा का
यह
अनुपम उपहार है !
उर
अंतर का हर कोना
आज
खुशियों के उजास से
जगमगा
रहा है
दीप
मालिकाओं का
उज्जवल
प्रकाश
घनघोर
तिमिर को परास्त कर
गगन
के सितारों को भी
लजा
रहा है !
आज
मन से यही दुआ
उच्छ्वसित
होती है कि
हर
घर झिलमिल दीपों की
रोशनी
में नहाया हो
हर
हृदय ने हर्ष और उल्लास से
आनंद
के छोर को गहाया हो !
हर
अधर पर खुशी के तराने हों
मन
में बसे दुःख, अवसाद
हताशा
और अन्धकार को
जला
डालने के सारे बहाने हों !
उठी
मेरे भी मन में
यही
कामना मतवाली है
हर्ष
और उत्साह से
सब
त्यौहार मनायें
आज
खुशियों भरी दीवाली है !
साधना
वैद
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