भरोसा
टूट गया
छलनी हुआ हृदय
बातें सुनके
किसीकी
सांत्वना
नहीं कोई
इससे बढ़ कर
साथ मिला
तुम्हारा
सहारा
कोई नहीं
संसार भर में
आँचल मिला
तुम्हारा
माँ
समेट लेना
गोदी में अपनी
जग से
बचाना
माँ
दुबका लेना
आँचल में अपने
दुख से
छिपाना
सुकून
मिलेगा मुझे
आँचल में तेरे
जब मैं
सोऊँगी
हल्का
हो जाएगा
दग्ध हृदय मेरा
जब मैं
रोऊँगी
घाव
भर जायेंगे
पल में सारे
स्पर्श से
तुम्हारे
पास
जो रहोगी
हो जायेंगे दूर
सब दुःख
हमारे !
प्रार्थना
छोटी सी
सुन लेना माता
बेटी की
अपनी
कृतज्ञ
रहेगी सदा
अगर मान लोगी
बेटी की
विनती !
साधना वैद
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ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 03 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हार्दिक धन्यवाद एवं बहुत बहुत आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !
Deleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
ReplyDeleteया देवी सर्व भूतेषु मातृरूपेण संस्थिता
ReplyDeleteनमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
भावभीनी प्रार्थना
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार नूपुरम जी !
Deleteसुन्दर सयाकी छंद |
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