tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post1198617623455644734..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: ख़्वाबों की पोटलीSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-87492997203487460772013-04-28T12:55:48.846+05:302013-04-28T12:55:48.846+05:30ख़्वाबों को दबाना नहीं ... उन्हें जीने का प्रयास क...ख़्वाबों को दबाना नहीं ... उन्हें जीने का प्रयास करना चाहिए ... जीवन तभी तो है ... इसलिए हो तो है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-3467500760367950952013-04-27T22:30:03.756+05:302013-04-27T22:30:03.756+05:30बढ़िया |
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुस...बढ़िया | <br /><br />कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a><br />Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-61469529950588577902013-04-27T10:53:12.197+05:302013-04-27T10:53:12.197+05:30सुन्दर प्रस्तुति सुन्दर प्रस्तुति Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-35804957950299004472013-04-27T10:17:41.475+05:302013-04-27T10:17:41.475+05:30अपने ही हाथों से अपने
मन के किसी कोने में
बहुत गहर...अपने ही हाथों से अपने<br />मन के किसी कोने में<br />बहुत गहराई से दबा दिया था !<br />लेकिन कल रात<br />संदूक के तल से मुझे<br />किसीके दबे घुटे रुदन की<br />आवाज़ सुनाई दे रही थी ,<br />वो मेरे सपने ही थे जो<br />वर्षों से पोटली में निरुद्ध <br />प्राणवायु के अभाव में<br />अब मुक्त होने के लिये<br />जी जान से छटपटा रहे थे.....superbनीलिमा शर्मा Neelima Sharma https://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-23812291312733435222013-04-27T08:01:49.237+05:302013-04-27T08:01:49.237+05:30सपनों के एइस पोटली को खुलना ही था , कब तक बंद होती...सपनों के एइस पोटली को खुलना ही था , कब तक बंद होती ...<br />ताजा हवा मुबारक !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-26462228697964792672013-04-27T06:27:26.961+05:302013-04-27T06:27:26.961+05:30बंद पोटली खोल कर अच्छा किया नहीं तो दम ही घुट जाता...बंद पोटली खोल कर अच्छा किया नहीं तो दम ही घुट जाता |घुटन में जीने से तो अच्छा है शुद्ध हवा में जीना |<br />बढ़िया रचना |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-63335671488789337502013-04-26T20:31:28.781+05:302013-04-26T20:31:28.781+05:30कब तक ख्वाबों को दबाये रखेंगे, उड़ने दें उनको भी ख...कब तक ख्वाबों को दबाये रखेंगे, उड़ने दें उनको भी खुली हवाओं में...बहुत सुन्दर रचना...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-25490196134552771262013-04-26T19:17:04.814+05:302013-04-26T19:17:04.814+05:30बिलकुल ठीक किया आपने...खुल के सांस लेने दीजिये उन्...बिलकुल ठीक किया आपने...खुल के सांस लेने दीजिये उन्हें जी भर कर ताज़ी हवा में... सुन्दर भाव... आभार संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-29542075958348115952013-04-26T19:05:14.695+05:302013-04-26T19:05:14.695+05:30मन की कितनी ही गहराई में दफन करना चाहें सपनों को व...मन की कितनी ही गहराई में दफन करना चाहें सपनों को वो आँखों की कोरों पर फिर सज जाते हैं ,भले ही वो कभी पूरे न हों पर खुल कर सांस लेते हैं ..... बहुत सुंदर रचना ... शायद यह व्यथा हर नारी की हो ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-6986755065581382442013-04-26T18:07:31.106+05:302013-04-26T18:07:31.106+05:30एक दम ठीक किया दी....
क्यूंकि सपने कभी मरते नहीं.....एक दम ठीक किया दी....<br />क्यूंकि सपने कभी मरते नहीं....बस यूँ ही सिसक सिसक कर इंतज़ार करते है अपने स्वतंत्र होने का...<br /><br />बहुत प्यारी रचना..<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-59289222244535584852013-04-26T16:21:17.403+05:302013-04-26T16:21:17.403+05:30badhiya ji badhiya ji Manav Mehta 'मन'https://www.blogger.com/profile/01826811764168414349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-12960098457098823222013-04-26T16:11:20.681+05:302013-04-26T16:11:20.681+05:30bhavmayi ..bahut sunderbhavmayi ..bahut sunderसु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69158879482553650222013-04-26T15:56:26.024+05:302013-04-26T15:56:26.024+05:30 कभी चुपके से
मेरी आँखों के दरीचों में आ
हौले से म... कभी चुपके से<br />मेरी आँखों के दरीचों में आ<br />हौले से मेरी पलकों को सहला<br />मेरे नींदों में इन्द्रधनुषी रंग<br />भरने के लिये ! <br />कहो, ठीक किया ना मैंने !<br />बहुत सही ... यही एक निराकरण था ... नन्हें, सुकुमार, सलोने सपनों को आखिर कब तक कै़द रखा जा सकता था ... भावमय करते शब्द अनुपम प्रस्तुति<br /><br />सादरसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-70803515138799041792013-04-26T15:14:39.353+05:302013-04-26T15:14:39.353+05:30बिलकुल सही किया , कब तक आखिर हम किसी ख्वाब को बंद ...बिलकुल सही किया , कब तक आखिर हम किसी ख्वाब को बंद कर रख सकते हैं क्योंकि वह घुट कर दम तोड़ देंगे . न जीने दें तो उन्हें पक्षी तरह उड़ ही जाने दें . कहीं और पेंगे भर कर जिन्दा तो रहेंगे रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-43671446456980605892013-04-26T15:05:17.406+05:302013-04-26T15:05:17.406+05:30कल कुछ सपने उड़ते हुए मेरी आँखों में समा गए
गर्म ...कल कुछ सपने उड़ते हुए मेरी आँखों में समा गए <br />गर्म आंसू की बूंद तकिये पर गिरी <br />मन को सुकून मिला <br />तो सपनों ने पूछा - मुझसे दोस्ती करोगी ?<br />करुँगी न .... अच्छा किया आपने यादों से भरी सपनों की पोटली खोल दी रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com