tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post1839230970379980700..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: वार पर वारSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-5732507288480077042012-09-20T14:04:05.275+05:302012-09-20T14:04:05.275+05:30aisi post aur ye mudde soch soch kar bahut dukh ho...aisi post aur ye mudde soch soch kar bahut dukh hota hai. lekin ye mahngayi sharon me kam hi asar karti hai. aap servent tabka le li jiye jo gharo me kaam karti hain...unke kothiyon me kaise bhaav badhe hue hain.....tum 1-2 kam extra kara lo ya daant-dapat do unki kamchori par to aana band kar deti hain. rikshe wale ko dekhiye...1 km ki doori k liye 20rs. maang leta hai jo ki hisab lagaya jaye to petrol se bhi mehnga padta hai. dhobi ko dekhiye kapdo ke dhulne/press k bare me kuchh teeka tippani karo to saaf kapde nahi dhota ya kapda aadha press kar k chhod deta hai...in sab ke baad jo bachta hai vo middle family man jo lower post par aur pvt. job karta hai vahi sabse jyada marta hai. <br /><br />ya fir gaanv me rahne wale garibon par is mehngayi ka asar marne ki halat tak hai.<br /><br />kehne ka arth he ki shehri gareeb to peedit hota nazar nahi aata.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-34152820653127195662012-09-19T20:34:00.678+05:302012-09-19T20:34:00.678+05:30एक ज्वलंत मुद्दे पर लिखा सटीक और सार्थक लेख .... !...एक ज्वलंत मुद्दे पर लिखा सटीक और सार्थक लेख .... !!<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-48508444809267527972012-09-19T14:29:26.454+05:302012-09-19T14:29:26.454+05:30एक ज्वलंत मुद्दे का बहुत सटीक विश्लेषण ...एक ज्वलंत मुद्दे का बहुत सटीक विश्लेषण ...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-88302065756542825302012-09-19T12:57:18.383+05:302012-09-19T12:57:18.383+05:30बेहद सार्थक व सटीक प्रस्तुति... आभार बेहद सार्थक व सटीक प्रस्तुति... आभार सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-54834848166917187102012-09-19T07:56:31.770+05:302012-09-19T07:56:31.770+05:30सभी आदरणीय टिप्पणीकारों की मैं ह्रदय से आभारी हूँ ...सभी आदरणीय टिप्पणीकारों की मैं ह्रदय से आभारी हूँ कि उन्होंने मेरे विचारों पर चिंतन किया ! बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-74383434440703948132012-09-17T21:28:30.972+05:302012-09-17T21:28:30.972+05:30और इसके बाद खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश..मुझे त...और इसके बाद खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश..मुझे तो यह इतिहास की पुनरावृति लग रही है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-85811987341114801052012-09-17T16:58:18.951+05:302012-09-17T16:58:18.951+05:30आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिये धन्यवाद गुप्त जी...आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिये धन्यवाद गुप्त जी ! अपने देश और देशवासियों के लिये सहानुभूतिपूर्ण नज़रिया रखना तो हर देशवासी का कर्तव्य होना ही चाहिए फिर चाहे वह अधिकारी हो, इंजीनियर हो, चिकित्सक हो, पत्रकार या खिलाड़ी हो या फिर अभिनेता या कोर्पोरेट जगत से सम्बन्ध रखने वाला कोई उद्यमी हो ! जीवित रहने के लिये और अपने बाल बच्चों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये जिन्हें दिन रात अनवरत संघर्ष करना पड़े ऐसे लोगों के लिये जब हद दर्ज़े की संवेदनहीनता का तमाशा देखने के लिये मिलता है तो दिल दुखता है ! आम इंसान की तकलीफों के लिये सभीको अपने व्यक्तिगत हितों की चिता छोड़ सामने आना ही चाहिए लेकिन नेताओं से विशेष अपेक्षा सिर्फ इसीलिये है क्योंकि वे यदि ईमानदार हैं और संवेदनशील हैं तो बहुत कुछ कर सकते हैं क्योंकि उनके पास ताकत भी है और जनता के हितों में नीति नियम और कायदे क़ानूनों को बनाने की सुविधा भी है ! लेकिन जिस तरह का चलन आजकल दिखाई देता है उसके अनुसार संसद में बैठ कर हमारे नेता केवल अपनी और अपने रिश्तेदारों की हित चिंता में लगे रहते हैं या ऐसे 'बड़े लोगों' को फ़ायदा पहुँचाने के लिये कानूनों में हेराफेरी करते रहते हैं जिनसे भविष्य में उन्हें भी फ़ायदा होने की उम्मीद हो ! रहा सवाल कपड़ों का तो मैंने सिर्फ गाँधी जी का उदाहरण दिया था ! वैसे भी आजकल सफ़ेद धोती पहनने वाले नेता गिनेचुने ही दिखाई देते हैं ! आजकल तो सभी सूटेड बूटेड रहते हैं ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-67084558697194372402012-09-17T12:57:17.498+05:302012-09-17T12:57:17.498+05:30" जब देश की जनता के तन पर पर्याप्त वस्त्र नही..." जब देश की जनता के तन पर पर्याप्त वस्त्र नहीं हैं उन्हें सूटेड बूटेड रहने का कोई अधिकार नहीं है ! आज के हमारे नेता छप्पन प्रकार के व्यंजनों से सजे अपने दस्तरखान पर खाना चखने से पहले कभी सोचेंगे कि उनके देश के आम आदमी को आज एक वक्त की रोटी भी पेट भर कर नसीब हुई है या नहीं ? कभी उन्होंने सोचा है कि जिस जनता को निचोड़ कर वो ऐश कर रहे हैं उसके प्रति उनका भी कोई नैतिक दायित्व है ?" ----<br /><br />--बिलकुल सत्य है साधना जी...परन्तु क्या हमने कभी यह भी सोचा है कि हमारे अधिकारी,इंजीनियर, चिकित्सक, पत्रकार ,खिलाड़ी, फ़िल्मी लोग, कोर्पोरेट के लोग ...क्या शूटेड-बूटेड नहीं रहते (नेता तो रहते भी नहीं हैं- प्राय: सफ़ेद धोती में होते हैं ..), बड़ी-बड़ी पार्टियों में, शराव के दौर में नहीं व्यस्त हैं ...क्या इन सब का -हम सब का नैतिक दायित्व नहीं है कि इस पर सोचें और अपने दायित्व पर भी सोचें और कार्य करें ......सिर्फ नेता ही क्यों...????<br />---खराब तो सारा का सारा अवा ही है....डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-91638119872641244572012-09-17T11:05:19.696+05:302012-09-17T11:05:19.696+05:30ज्वलंत समस्या पर लिखा गया आपका ये लेख बहुत माने रख...ज्वलंत समस्या पर लिखा गया आपका ये लेख बहुत माने रखता है. इस कालचिंतन के लिए आपको बधाई है. पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-46759506042090844162012-09-17T07:05:24.949+05:302012-09-17T07:05:24.949+05:30jaroori mudda
jaroori mudda<br />Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-27521179621138213752012-09-17T01:18:10.409+05:302012-09-17T01:18:10.409+05:30वाह!
आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को आज दिनांक 17-09...वाह!<br />आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को आज दिनांक 17-09-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2012/09/1005.html" rel="nofollow"><b>ट्रैफिक सिग्नल सी ज़िन्दगी : सोमवारीय चर्चामंच-1005</b></a> पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ<br />चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-30595215792056941132012-09-16T12:41:29.407+05:302012-09-16T12:41:29.407+05:30प्रति व्यक्ति औसत आय का उपभोग किये जाने का सुझाव ब...प्रति व्यक्ति औसत आय का उपभोग किये जाने का सुझाव बहुत बढ़िया है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-91050389427436418262012-09-16T11:01:34.142+05:302012-09-16T11:01:34.142+05:30एक ऐसा मुद्दा जिससे आज सभी भारतीय परेशान हैंएक ऐसा मुद्दा जिससे आज सभी भारतीय परेशान हैंअरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-57618941793124449722012-09-15T22:59:19.384+05:302012-09-15T22:59:19.384+05:30ज्वलंत मुद्दे पर लिखा सटीक और सार्थक लेख .... आज न...ज्वलंत मुद्दे पर लिखा सटीक और सार्थक लेख .... आज नेता वही बनाता है जो हेरा फेरी करने में माहिर है ... आम जनता के बारे में किसी भी पार्टी को चिंता नहीं है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-22817805514064775072012-09-15T21:28:15.286+05:302012-09-15T21:28:15.286+05:30परिवर्तन के नाम पर सिर्फ वार ... आम इन्सान है परेश...परिवर्तन के नाम पर सिर्फ वार ... आम इन्सान है परेशान,कैसे हो समाधान रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-87776096754301338042012-09-15T18:44:15.500+05:302012-09-15T18:44:15.500+05:30अपनी क़ब्र ख़ुद कैसे खोदी जाती है ?
यह कांग्रेस के ...अपनी क़ब्र ख़ुद कैसे खोदी जाती है ?<br />यह कांग्रेस के दाम बढ़ाने के फ़ैसलों को देखकर जाना जा सकता है। अब कांग्रेस का जाना तय है। यह क़ीमतें थोड़ी बहुत कम भी कर दे तब भी यह जाएगी ही। पूंजीपति नोट दे सकता है लेकिन वोट तो जनता से लेना है। जनता की कमर तोड़ दी जाएगी तो वह पोलिंग बूथ तक कैसे आएगी ?<br />और आएगी भी तो वह नए विकल्प को आज़माकर पुराने को सज़ा देगी। यह और बात है कि नया विकल्प पुराने से भी ख़राब ही निकलता आया है इस देश में।<br /><br /><a href="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/%E0%A4%90_%E0%A4%AE_%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A4%AE_%E0%A4%A8_%E0%A4%B9%E0%A5%98_%E0%A4%85%E0%A4%A6_%E0%A4%95%E0%A4%B0" rel="nofollow"><b>नफ़ाबख्श बनिए और लोगों के दिलों पर राज कीजिए।</b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-61846827295663365612012-09-15T18:16:30.900+05:302012-09-15T18:16:30.900+05:30बहुत ज्वलंत मुद्दा उठाया है |अच्छी लेख |
आशा बहुत ज्वलंत मुद्दा उठाया है |अच्छी लेख |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-81536725551891001432012-09-15T17:29:09.917+05:302012-09-15T17:29:09.917+05:30कहीं यह भी मिस्र के ‘तहरीर चौक’ की कहानी का आगाज़ त...कहीं यह भी मिस्र के ‘तहरीर चौक’ की कहानी का आगाज़ तो नहीं ? <br /><br />बस एक बार ऐसा हो जायेvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com