tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post2203824653567574531..comments2024-03-19T13:11:40.208+05:30Comments on Sudhinama: उदास शामSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-22260137390968570592011-06-11T21:22:15.265+05:302011-06-11T21:22:15.265+05:30कोई होता जो मेरे इस मूक रुदन को सुनता
कोई आकर मुझे...कोई होता जो मेरे इस मूक रुदन को सुनता<br />कोई आकर मुझे जगाता बन कर मेरा राम ! <br /><br />भावनाओं को उभारती रचना.<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-53244482100820429732011-06-11T17:45:39.767+05:302011-06-11T17:45:39.767+05:30जितना गहरा सागर उतनी भावों की गहराई
कितना आकुल अंत...जितना गहरा सागर उतनी भावों की गहराई<br />कितना आकुल अंतर कितनी स्मृतियाँ उद्दाम ।<br /><br /><br /><br />साधना जी नमस्कार .<br />आपकी कविता बहुत सुंदर है |मैंने नयी-पुरानी हलचल पर उसे लिया है|कृपया आयें और अपने शुभ विचार दें | <br />http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/<br />anupama tripathi.Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-60240042370773913442010-08-05T12:57:41.490+05:302010-08-05T12:57:41.490+05:30कविता बहुत अच्छी है...लेकिन उदास कवितायेँ मत लिखा ...कविता बहुत अच्छी है...लेकिन उदास कवितायेँ मत लिखा कीजिये...जीवन हंसने का नाम है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-30763763964132999362010-08-03T16:13:12.011+05:302010-08-03T16:13:12.011+05:30कोई होता जो मेरे इस मूक रुदन को सुनता
कोई आकर मुझे...कोई होता जो मेरे इस मूक रुदन को सुनता<br />कोई आकर मुझे जगाता बन कर मेरा राम ! ..... dil ki baat kah di aapne.मेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69081543104801038942010-08-03T14:28:05.075+05:302010-08-03T14:28:05.075+05:30bhawpurn kavita.bhawpurn kavita.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-13709859848382485172010-08-02T19:55:44.452+05:302010-08-02T19:55:44.452+05:30अरे ये क्या करती है दीदी आप और उदासी न न आप तो बस ...अरे ये क्या करती है दीदी आप और उदासी न न आप तो बस हस्ती खिलखिलाती रहिये |वह देश भी तो अपनेबच्चो का ही है पर सच बताए अब आपको घर याद आरहा है बस बहुत हो गया अब आभी जाईये न | यहाँ भी याद सताती है|beenahttps://www.blogger.com/profile/14896206958431731712noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-13932716897615792772010-08-02T17:11:14.231+05:302010-08-02T17:11:14.231+05:30पहले तो ये बताएं की इतनी उदासी क्यों ..?
निश्छल और...पहले तो ये बताएं की इतनी उदासी क्यों ..?<br />निश्छल और निष्काम गर्जन सुनने के बाद तो यूँ भी उदासी का क्या काम ...<br />मूक रुदन नयी उर्जा भी देता है ...निकल जाने दीजिये गुबार को और फिर से ताज़ा हो जाईये ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-82963433753191980052010-08-02T16:11:56.560+05:302010-08-02T16:11:56.560+05:30अभी से उस उदासी का कारण समझ से बाहर है |
खुश रहो ...अभी से उस उदासी का कारण समझ से बाहर है |<br />खुश रहो ,हर समय हँसती रहो हंसाती रहो ,बस वैसी ही अच्छी लगती हो |अपनों के जाने से दुःख तो होता <br />है पर शास्वत सत्य से मुंह नहीं फेरा जा सकता |<br /> कविता लिखी बहुत अच्छी है |<br /> आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-14044093004629589562010-08-02T16:09:16.245+05:302010-08-02T16:09:16.245+05:30मंगलवार 3 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के स...मंगलवार 3 अगस्त को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है .कृपया वहाँ आ कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ .... आभार <br /><br /> http://charchamanch.blogspot.com/संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-42605669489591972552010-08-02T01:07:47.837+05:302010-08-02T01:07:47.837+05:30सूरज डूबा और आखिरी दृश्य घुला पानी में
दूर क्षितिज...सूरज डूबा और आखिरी दृश्य घुला पानी में<br />दूर क्षितिज तक जल और नभ अब पसरे हैं गुमनाम ।<br />बहुत सुंदर ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-57148521172939538422010-08-02T00:55:23.262+05:302010-08-02T00:55:23.262+05:30कभी कभी जीवन में ऐसी परिस्थिति आ जाति है कि मन बहु...कभी कभी जीवन में ऐसी परिस्थिति आ जाति है कि मन बहुत उद्वेलित हो जाता है ..आप ऐसी ही स्थिति से गुज़र रही हैं ...<br /><br />बाहर भी तम भीतर भी तम लुप्त हुई सब माया<br />सुनती हूँ दोनों का गर्जन निश्चल और निष्काम <br /><br />यह पंक्तियाँ निश्चय ही आपकी प्रेरणास्रोत होंगी..जहाँ हर स्थिति में निष्काम भाव हो ...मूक रुदन के बाद स्वयं ही खुद को जगाना और संभालना होता है ...शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-15042888999193292192010-08-02T00:48:45.632+05:302010-08-02T00:48:45.632+05:30सुन्दर रचना, बेहद प्रभावशाली, अब अपनी उदासी को दूर...सुन्दर रचना, बेहद प्रभावशाली, अब अपनी उदासी को दूर झटक कर कलम फिर से उठा लीजिये और हमें एक और बेहतरीन रचना पढ्वाइये!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-13879637347599081082010-08-01T23:33:50.249+05:302010-08-01T23:33:50.249+05:30ये क्या है जी ?
लौट आईये न अपने देश...सारी उदासी...ये क्या है जी ?<br /> <br />लौट आईये न अपने देश...सारी उदासी हट जायेगी.<br /><br />बैचैन कर गयी आपकी कविता.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.com