tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post2845834911599014792..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: लकीरेंSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-27481599302620455182012-05-27T14:21:10.769+05:302012-05-27T14:21:10.769+05:30प्रोत्साहन के लिए आप सभीका ह्रदय से धन्यवाद ! आपका...प्रोत्साहन के लिए आप सभीका ह्रदय से धन्यवाद ! आपका इस ब्लॉग पर सदैव स्वागत है !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-2925948959770413522012-05-21T17:47:32.801+05:302012-05-21T17:47:32.801+05:30बस कोई इन लकीरों को
सुलझाने की तरकीब
मुझे बता दे !...बस कोई इन लकीरों को<br />सुलझाने की तरकीब<br />मुझे बता दे ! .<br />......बस यही एक उलझन है जो आजतक नहीं सुलझ पाई .....बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्तिSarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-51455436126120245192012-05-21T15:55:03.522+05:302012-05-21T15:55:03.522+05:30बहुत सुन्दर रचना...
सादर.बहुत सुन्दर रचना... <br />सादर.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-5572392851175261792012-05-21T10:18:13.127+05:302012-05-21T10:18:13.127+05:30सुन्दर भाव लिए सुन्दर अभिव्यक्ति...सुन्दर भाव लिए सुन्दर अभिव्यक्ति...मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-38354383701629710282012-05-19T21:56:33.169+05:302012-05-19T21:56:33.169+05:30आदरणीया साधना जी बहुत सुन्दर भाव और प्रस्तुति .......आदरणीया साधना जी बहुत सुन्दर भाव और प्रस्तुति ....कहते हैं की रेखाएं बदलती रहती हैं ..<br />कर्मन्येवाधिकारस्ते माँ फलेषु कदाचन .............सब मंगल होता रहे....<br />भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-55447116095177186782012-05-18T21:15:09.653+05:302012-05-18T21:15:09.653+05:30बहुत ही खुबसूरत
और कोमल भावो की अभिवयक्ति......बहुत ही खुबसूरत <br />और कोमल भावो की अभिवयक्ति......विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-2151932869340130312012-05-18T19:34:58.149+05:302012-05-18T19:34:58.149+05:30हाथों की लकीरे मिट नहीं सकती बहुत सही सोच |
आशाहाथों की लकीरे मिट नहीं सकती बहुत सही सोच |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-60169386208026628702012-05-18T19:03:39.200+05:302012-05-18T19:03:39.200+05:30क्या कहने साधना जी बहुत सुंदर
आपको पढना वाकई सुखद ...क्या कहने साधना जी बहुत सुंदर<br />आपको पढना वाकई सुखद अनुभव है।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-67818281808323892222012-05-18T17:53:29.110+05:302012-05-18T17:53:29.110+05:30इतना वक्त भी नहीं दिया है कि
हाथों की इन लकीरों को...इतना वक्त भी नहीं दिया है कि<br />हाथों की इन लकीरों को मिटा<br />तकदीर की तख्ती पर कोई<br />नयी इबारत लिख सकूँ !<br />bahut hi badhia poem hain..<br />sundarAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-42670366288537470912012-05-18T11:50:15.338+05:302012-05-18T11:50:15.338+05:30वाह ...बहुत खूब ।वाह ...बहुत खूब ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-17596345803286340332012-05-18T11:38:24.858+05:302012-05-18T11:38:24.858+05:30क्या बात है..! सुंदर अभिव्यक्ति ...!
शुभकामनाये...क्या बात है..! सुंदर अभिव्यक्ति ...!<br />शुभकामनायें साधना जी .Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-86489848380005035692012-05-18T11:27:48.546+05:302012-05-18T11:27:48.546+05:30हाय ……एक अनसुलझा प्रश्न फिर भी एक जवाब ही हो सकता ...हाय ……एक अनसुलझा प्रश्न फिर भी एक जवाब ही हो सकता है इसका…………जो हो रहा है होने दें और जो होगा अच्छा होगा जिस दिन हम अपनी ऐसीसोच बना लेंगे सारी उलझी लकीरें सुलझ जायेंगी वैसे ये कहना आसान है और इस पर चलना मुश्किल जानती हूं मगर सुकून यहीं है और यही आखिरी हल है मेरे ख्याल से तो।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-36886252903607969472012-05-18T11:27:30.170+05:302012-05-18T11:27:30.170+05:30इस ज़िंदगी ने तो
इतना वक्त भी नहीं दिया है कि
हाथो...इस ज़िंदगी ने तो<br />इतना वक्त भी नहीं दिया है कि<br />हाथों की इन लकीरों को मिटा<br />तकदीर की तख्ती पर कोई<br />नयी इबारत लिख सकूँ !<br /><br />शायद हम सबके दिल पढ़ लिए आपने.....<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-1769246314611006442012-05-18T07:42:39.326+05:302012-05-18T07:42:39.326+05:30अजीब बात है न .... सुलझाकर बुनो , फिर खोलो ... कोई...अजीब बात है न .... सुलझाकर बुनो , फिर खोलो ... कोई नया डिजाईन , कोई नया रंग ... फिर धागे उलझते हैं , क्रम चलता रहता है अनवरत एक स्वेटर बनाने का , जिसमें जिंदगी हर लकीरों को बता सकेरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-7168644821507942762012-05-18T01:14:11.833+05:302012-05-18T01:14:11.833+05:30क्या बात है!!! वाह!क्या बात है!!! वाह!चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-27991055461210401782012-05-17T23:52:08.894+05:302012-05-17T23:52:08.894+05:30.
सुंदर अभिव्यक्ति !.<br /><br /><br />सुंदर अभिव्यक्ति !Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-9610852341583353862012-05-17T23:48:08.591+05:302012-05-17T23:48:08.591+05:30एक आम महिला का दर्द और विवशता इस कविता में है तथा ...एक आम महिला का दर्द और विवशता इस कविता में है तथा एक प्रश्न भी। <br />लेकिन इस का जवाब भी होना चाहिए। <br />कोई नहीं बताएगा<br />सुलझाने की तरकीब<br />तलाशनी पड़ेगी खुद ही।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-81904627422894548442012-05-17T23:28:19.747+05:302012-05-17T23:28:19.747+05:30भागती जिंदगी के बीच मन की उहापोह को बखूबी उकेरा ह...भागती जिंदगी के बीच मन की उहापोह को बखूबी उकेरा है ...!!<br />सुंदर अभिव्यक्ति ...!<br />शुभकामनायें साधना जी ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-52165978113781686172012-05-17T23:11:55.078+05:302012-05-17T23:11:55.078+05:30हाथ की उलझी लकीरों को नज़रअंदाज़ कर बस अपने कर्म ...हाथ की उलझी लकीरों को नज़रअंदाज़ कर बस अपने कर्म के बारे में ही सोचें ...सुलझ ही जाएंगी लकीरें भी .... सटीक बिम्ब के साथ तुलना की है उलझी सी ज़िंदगी की .... सुंदर प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com