tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post5120366177362422149..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: अहसासSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-82039930844828204622011-05-18T11:28:52.058+05:302011-05-18T11:28:52.058+05:30अंतर्मन में निहित भावों की सुंदर अभिव्यंजना|अंतर्मन में निहित भावों की सुंदर अभिव्यंजना|स्मिताnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-65077016813252949132011-05-18T00:50:52.719+05:302011-05-18T00:50:52.719+05:30पलकों के बन्द दरवाज़ों के पीछे
किसीके अंदर होने का ...पलकों के बन्द दरवाज़ों के पीछे<br />किसीके अंदर होने का अहसास मिलता है ,<br />कनखियों की संधों से अश्कों की झील में<br />किसीका अक्स बहुत हौले-हौले हिलता है !<br /><br /> ऐसी अभिव्यक्ति जहाँ बस खुद जा कर ही अनुभव किया जा सकता है...!!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-60850690338418395492011-05-17T17:08:21.066+05:302011-05-17T17:08:21.066+05:30बेहद नाजुक से अहसास .......बेहद नाजुक से अहसास .......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-54115901631862199032011-05-17T09:52:54.663+05:302011-05-17T09:52:54.663+05:30किसीका ज़िक्र भर क्यों मन के
शांत सागर में सौ तूफ...किसीका ज़िक्र भर क्यों मन के<br /><br />शांत सागर में सौ तूफ़ान उठा जाता है ,<br /><br />मैं चाहूँ या ना चाहूँ क्यों मेरे स्वत्व को<br /><br />नित नयी कसौटियों पर कस जाता है !<br />ek khaas abhivyakti mann kiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-9795202018336433902011-05-16T17:58:29.573+05:302011-05-16T17:58:29.573+05:30एहसासों को सार्थक और सुन्दर अभिव्यक्ति देती रचना.....एहसासों को सार्थक और सुन्दर अभिव्यक्ति देती रचना.....सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-36616964055213928832011-05-16T16:25:43.440+05:302011-05-16T16:25:43.440+05:30मैं चाहूँ या ना चाहूँ -----नित्य नयी कसोटीयों पर क...मैं चाहूँ या ना चाहूँ -----नित्य नयी कसोटीयों पर कस जाता है "<br /><br />बहुत खूब कहा है आपने इन पंक्तियों में .. ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-5688625710534618892011-05-16T14:28:01.912+05:302011-05-16T14:28:01.912+05:30सुंदर कविता बधाई साधना जी |सुंदर कविता बधाई साधना जी |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-90193506769443297142011-05-16T13:30:54.054+05:302011-05-16T13:30:54.054+05:30बहुत सुंदर रचना....बहुत सुंदर रचना....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-87525959340814702562011-05-16T12:37:13.165+05:302011-05-16T12:37:13.165+05:30"मैं चाहूँ या ना चाहूँ -----नित्य नयी कसोटीयो..."मैं चाहूँ या ना चाहूँ -----नित्य नयी कसोटीयों पर कस जाता है "<br />अच्छी पंक्तियाँ |सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति |<br />बधाईAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-20322306339685985932011-05-16T06:58:14.438+05:302011-05-16T06:58:14.438+05:30मैं चाहूँ या ना चाहूँ क्यों मेरे स्वत्व को नित नयी...मैं चाहूँ या ना चाहूँ क्यों मेरे स्वत्व को नित नयी कसौटियों पर कस जाता है !.....yahi to vastvik prem hai.......bahut achche bhaav....Raginihttps://www.blogger.com/profile/18060074016004549022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-37780746698346159432011-05-16T00:08:52.931+05:302011-05-16T00:08:52.931+05:30ये एहसास ही है जो आहट सुना जाता है ...अश्कों की झी...ये एहसास ही है जो आहट सुना जाता है ...अश्कों की झील का बिम्ब बहुत सुन्दर लगा ..खुद को नित नयी कसौटी पर कसना .... शायद यही ज़िंदगी है ...बहुत सुन्दर प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-57672894489793147432011-05-15T23:52:27.261+05:302011-05-15T23:52:27.261+05:30कनखियों की संधों से अश्कों की झील में
किसीका अक्स ...कनखियों की संधों से अश्कों की झील में<br />किसीका अक्स बहुत हौले-हौले हिलता है !<br /><br />बड़ी ही मासूम सी अभिव्यक्ति....मन के अहसास सुन्दर शब्दों का साथ पा...मुखर हो उठे हैं.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.com