tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post5205902174474483119..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: * क्या यह कसूर मेरा है *Sadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-3185767014813082052010-08-24T19:09:05.652+05:302010-08-24T19:09:05.652+05:30अच्छी संवेदनशील कविता ..अच्छी संवेदनशील कविता ..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-74493561147787293452010-08-21T14:48:13.075+05:302010-08-21T14:48:13.075+05:30हर शब्द से मन की वेदना छलकी , पड़ रही है. हरेक आम ...हर शब्द से मन की वेदना छलकी , पड़ रही है. हरेक आम आदमी की पीड़ा को शब्दों में पिरो दिया है.....<br />ऐसे ही सवाल सबके मन में उठते हैं...<br /><br />तुम 'राम' हो और मैं 'रहीम'<br />क्या महज़ इस फर्क ने ही<br />हमें इतनी दूर कर दिया ?<br /><br />और जबाब कोई नहीं मिलता...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-80013105660398499432010-08-21T05:55:20.558+05:302010-08-21T05:55:20.558+05:30बहुत भावभीनी रचना |बधाई |बहुत भावभीनी रचना |बधाई |Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-29058472755603771762010-08-21T00:49:22.910+05:302010-08-21T00:49:22.910+05:30आज की कविता बहुत कुछ कह गयी ...सच है आज अविश्वास ...आज की कविता बहुत कुछ कह गयी ...सच है आज अविश्वास इतना बढ़ गया है कि रिश्ते पीछे छुट गए हैं ...पर राम भी कब तक छला जायेगा ? <br /><br />इन रिश्तों में विश्वास को चोट दूसरे पहुंचाते हैं और रिश्ते अपनो के टूट जाते हैं ...<br /><br />बहुत संवेदनशील रचना /.संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69481058191574282782010-08-20T23:56:34.920+05:302010-08-20T23:56:34.920+05:30अच्छी संवेदनशील कविता .अच्छी संवेदनशील कविता .Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-35462170566686659232010-08-20T18:10:42.486+05:302010-08-20T18:10:42.486+05:30बहुत संवेदन शील रचना रच डाली...मैं कल तक आपकी रचना...बहुत संवेदन शील रचना रच डाली...मैं कल तक आपकी रचनाओं का इंतज़ार करती रही की कुछ आप पोस्ट करो अपने किसी एक ब्लॉग पर ताकि मैं चर्चा मंच पर ले सकू..लेकिन एक दिन लेट हो गयी.लेकिन चलो इंतज़ार आखिर खत्म हुआ.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-91508534245740368802010-08-20T11:59:32.208+05:302010-08-20T11:59:32.208+05:30Bahut sanvedanaon se bhari gahari abhivyakti...Aab...Bahut sanvedanaon se bhari gahari abhivyakti...Aabharरानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-70785994035813902052010-08-20T11:19:28.963+05:302010-08-20T11:19:28.963+05:30राम और रहीम्का ये झगडा यदि हमारी कविताये मिटा पाती...राम और रहीम्का ये झगडा यदि हमारी कविताये मिटा पाती तो धरती पर ही स्वर्ग उतर आता।काश ऐसा हो सकता ।हम कम से कम अच्छा तोसोच ही सकते है। अच्छी प्रस्तुतिबीना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69865985026086674702010-08-20T08:54:30.990+05:302010-08-20T08:54:30.990+05:30तुम 'राम' हो और मैं 'रहीम'
क्या मह...तुम 'राम' हो और मैं 'रहीम'<br />क्या महज़ इस फर्क ने ही<br />हमें इतनी दूर कर दिया ? <br /><br />जब बार छला जाता हो विशास तो अविश्वास से बचा भी नहीं जाता ...<br />अच्छी संवेदनशील कविता ...कुछ हृदयों को पाक साफ़ बना सके शायद ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-66600883336644152432010-08-20T07:33:10.997+05:302010-08-20T07:33:10.997+05:30आदरणीया दीदी साधना वैद जी
प्रणाम !
बहुत संवेदनशील ...<b><i>आदरणीया दीदी साधना वैद जी</i></b><br />प्रणाम !<br />बहुत संवेदनशील कविता लिखी है दीदी , आपने । <br />काश आपकी कविता के पात्रों जितना निर्मल पवित्र हृदय सबका हो जाता तो समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जातीं । <br />लेकिन , एक बात तय है कि आपकी कविता शुद्ध सोना है , कुंदन है !<br /><br />बहुत बहुत बधाई ! <br /><b> </b> <br /><b> </b><br /><br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com