tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post7985357560144504664..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: कभी तो सोचियेSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-17762480713638841932010-11-13T20:06:59.105+05:302010-11-13T20:06:59.105+05:30बहुत सही लिखा है |बहुत अच्छे तरीके से खाद्यान्न क...बहुत सही लिखा है |बहुत अच्छे तरीके से खाद्यान्न के बर्बाद किये जाने से होने वाली समस्याओं और उनके लिए उपयुक्त सुझाव बहुत सामिक हें |अच्छे लेख के लिए बहुत बहुत बधाई |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-17920170566507892482010-11-10T22:29:13.184+05:302010-11-10T22:29:13.184+05:30बहुत ही सार्थक आलेख है....लाल-बहादुर शास्त्री जी क...बहुत ही सार्थक आलेख है....लाल-बहादुर शास्त्री जी के आह्वान पर सुना था पूरे देश के लोगों ने हफ्ते में एक दिन का व्रत रखना शुरू कर दिया था....और उनमे से कुछ परिवार आज भी यह निभाते हैं...स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह बहुत लाभदायक है.<br /><br />प्लेट में खाना ना छोड़ने की आदत अगर बचपन में ही डाल दी जाए तो सुधार संभव है. यह तो सच है...समारोहों में जितना खाना बर्बाद होता है,उतने में सैकड़ों का पेट भर जाए.<br />सुना था, मदर टेरेसा जब भी सफ़र करतीं तो ट्रेन में लोगों से उनके बचे हुए खाने मांग लिया करती थीं और उसे भिखारियों में बाँट देती थीं.<br />इस दिशा में जागरूकता अति-आवश्यक है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69538285148415022212010-11-09T23:10:05.564+05:302010-11-09T23:10:05.564+05:30बहुत सार्थक लेख पढ़ने को दिया आपने. लगता है कहीं क...बहुत सार्थक लेख पढ़ने को दिया आपने. लगता है कहीं किसी शादी पार्टी को अटेंड कर के आ रही हैं.<br />मैं भी आपकी सी सोच रखती हूँ. और ऐसी दावतों में बिलकुल भी वेस्ट नहीं करती. और घर में बच्चों को भी यही हिदायतें हैं.<br /><br />लाल बहादुर शास्त्री जी का सन्देश जान कर जानकारी बढ़ी...मैं इस बात से अनभिग्य थी.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-66405180019715861982010-11-09T12:27:53.419+05:302010-11-09T12:27:53.419+05:30बहुत अच्छा सन्देश देता लेख ...बहुत अच्छा सन्देश देता लेख ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-9959819909837306742010-11-09T12:08:38.184+05:302010-11-09T12:08:38.184+05:30साधना जी बहुत अच्छा मुद्दा उठाया है और सही सन्देश ...साधना जी बहुत अच्छा मुद्दा उठाया है और सही सन्देश भी दिया है। बहुत बहुत धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-22149173260329145552010-11-09T07:11:11.160+05:302010-11-09T07:11:11.160+05:30बंहत ही सार्थक और सामयिक प्रश्न उठाया है आपने | वा...बंहत ही सार्थक और सामयिक प्रश्न उठाया है आपने | वाकई ये हमारी खाने की आदते ही हैजिनके कारण हम झूठन छोडना अपनी शान समझते है| रही वृत उपवास की बात तो अब ये सब तो भोजन के स्वाद में^ परिवर्तनका जरिया बन गया है |वृत का पारायण तो शाही अंदाज में^ किया जाता है |<br />अच्छा आलेख ,बधाईबीनाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-90478735088750125692010-11-09T03:19:00.647+05:302010-11-09T03:19:00.647+05:30मेरे एक मित्र जो गैर सरकारी संगठनो में कार्यरत हैं...मेरे एक मित्र जो गैर सरकारी संगठनो में कार्यरत हैं के कहने पर एक नया ब्लॉग सुरु किया है जिसमें सामाजिक समस्याओं जैसे वेश्यावृत्ति , मानव तस्करी, बाल मजदूरी जैसे मुद्दों को उठाया जायेगा | आप लोगों का सहयोग और सुझाव अपेक्षित है |<br />http://samajik2010.blogspot.com/2010/11/blog-post.htmlDeepak chaubeyhttps://www.blogger.com/profile/14845743567136269530noreply@blogger.com