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Thursday, March 5, 2020

सुहानी रात



चाँद और तारों भरी सुहानी रात है,
स्निग्ध शीतल चाँदनी की
अमृत भरी बरसात है,
वादी के ज़र्रे-ज़र्रे में उतरे
इस आसमानी नूर में
कुछ तो अनोखी बात है,
दूर क्षितिज पर पहुँची 
अभिसारिका वसुधा का 
 प्रियतम मयंक की बाहों में 
थर थर कम्पित गात है 
कारवाँ बनाने को खुद 
अपनी ही परछाइयों का  
सुकून भरा साथ है,
तुम्हारे हाथ में मेरा हाथ है,
एक दूजे को देने के लिये
प्रेम और समर्पण की सौगात है,
जब इतना सब कुछ हो पास तो
और क्या चाहिये !

साधना वैद 

13 comments :

  1. व्वाहहह...
    सादर नमन..

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  2. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद उर्मिला जी ! स्वागत है आपका इस ब्लॉग पर !

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  3. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद आपका मानव जी ! स्वागत है आपका ईस ब्लॉग पर !

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  4. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद जीजी ! आप सबके साथ इस रचना को शेयर करने का आनंद ही कुछ और है !

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  5. हार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

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  6. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 09 मार्च 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. हार्दिक धन्यवाद यशोदा जी ! आभार आपका ! सप्रेम वन्दे !

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  7. जब सच्चे प्रेम का मिलन हो जाये तो और चाहिए भी क्या??
    वाह...वाह और वाह।

    नई पोस्ट - कविता २

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    1. हृदय से धन्यवाद रोहितास जी ! आभार आपका !

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  8. हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका !

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