tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post2739732709998852764..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: अन्यायपूर्ण न्याय प्रणालीSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-72983738101460237052009-04-11T12:14:00.000+05:302009-04-11T12:14:00.000+05:30आज एक अखबार में एक पाठक का पत्र पढ़ा। लिखा था कि ३...आज एक अखबार में एक पाठक का पत्र पढ़ा। लिखा था कि ३५००० के डेस्कटॉप कम्यूटर अनुपयोगी बताकर ५०० रूपये में न्यायकर्मियोंको दिये जा रहे हैं। इसके पहले उन्हें मोबाइल दिये गये थे जिम्हे इसी प्रकार लगभग मुफ्त में उन्हे दे दिया गया। इन्हें सस्ते प्लात और क्या-क्या नहीं दिया जाता है। फिर भी ये 'भर्ष्टाचार' करते हुए पाये गये हैं। अपनी सम्पत्ति तक घोषित करने में इनको कष्ट हो रहा है। तो इनसे क्या आशा कर सकते हैं कि ये भ्रष्टाचारियों और भ्रष्ट राजनेताओं पर लगाम लगाएंगे।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-31527557195317155142009-04-11T05:38:00.000+05:302009-04-11T05:38:00.000+05:30बहुत खूब। कहते हैं कि-हजारों जुर्म करके भी फिरें उ...बहुत खूब। कहते हैं कि-<BR/><BR/>हजारों जुर्म करके भी फिरें उजले लिबासों में।<BR/>करिश्मे हैं सियासत के वकीलों के अदालत के।।<BR/> <BR/>सादर <BR/>श्यामल सुमन <BR/>09955373288 <BR/>मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं। <BR/>कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।। <BR/>www.manoramsuman.blogspot.com<BR/>shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com