tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post3090539133090908484..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: ममता की छाँवSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-7667731840287826992012-05-17T19:21:55.584+05:302012-05-17T19:21:55.584+05:30भावपूर्ण रचना ..देर से आने के लिए माफी..आभार !भावपूर्ण रचना ..देर से आने के लिए माफी..आभार !Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-88671842949500374182012-05-15T18:25:27.107+05:302012-05-15T18:25:27.107+05:30bahut man ko dravit kar dene wali rachna hai. leki...bahut man ko dravit kar dene wali rachna hai. lekin apna bachpan kuchh aisa beeta ki aisi rachnao ko badi hasrat bhari nigaho se padhti hun.<br /><br />sach maa k man ki gehrayi, uske beti k prati pyar ko kinhi shabdo me nahi dhala ja sakta. aapki koshish lajawab hai.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-80496945965144386152012-05-13T22:49:10.358+05:302012-05-13T22:49:10.358+05:30माँ की यादों को समेटे एक एक घटना को जिस मन से आपन...माँ की यादों को समेटे एक एक घटना को जिस मन से आपने शब्दों में उतारा है ऐसा लगता है कि आपकी इस रचना में सबके मन की बात कह दी है .... और सच ही कभी कभी आज हम अपनी माँ की कमी को बहुत शिद्दत से महसूस करते हैं ... बहुत सुंदर और भावप्रवण रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-86344739078223378042012-05-13T21:14:38.006+05:302012-05-13T21:14:38.006+05:30साधना जी मैंने कल ही आपकी रचना पर कमेन्ट किया था |...साधना जी मैंने कल ही आपकी रचना पर कमेन्ट किया था |स्पैम में देखिएगा ...!!<br />बहुत सुंदर रचना है ...<br />माँ के लिए अनुपम उदगार ह्रदय के ...!!<br />माँ को नमन ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-82327981438937186222012-05-13T21:00:33.421+05:302012-05-13T21:00:33.421+05:30मेरा कमेंट कहाँ गया सुबह किया था :)
इतने सारे ‘अ...मेरा कमेंट कहाँ गया सुबह किया था :)<br /><br /> इतने सारे ‘अपनों’ के बीच <br />होते हुए भी मैं नितांत अकेली हूँ ! <br /><br />हर मन का दर्द बयाँ कर दियाvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-76930700665276769622012-05-13T13:25:47.368+05:302012-05-13T13:25:47.368+05:30आदरणीया मौसीजी,सादर वन्दे,
सर्वप्रथम आज...आदरणीया मौसीजी,सादर वन्दे,<br /> सर्वप्रथम आज के दिवस की बधाई और हार्दिक शुभकामनायें । सार्थक और सही रचना बस.........।क्योंकि ,,,,,sangitahttps://www.blogger.com/profile/15885937167669396107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-71927937591416252382012-05-12T18:21:07.906+05:302012-05-12T18:21:07.906+05:30साधना जी रचना जैसे -जैसे आगे पढ़ते गए ऐसा लगा जैसे...साधना जी रचना जैसे -जैसे आगे पढ़ते गए ऐसा लगा जैसे हमारे ही शब्द और भाव हैं, जो आपके मन से निकलकर शब्दों में ढल गए... भाव विभोर करती रचनासंध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-79097436758639084732012-05-12T11:44:35.648+05:302012-05-12T11:44:35.648+05:30तुम्हारी ममता के आँचल की
छाँव नहीं है माँ
इस निर्...तुम्हारी ममता के आँचल की <br />छाँव नहीं है माँ<br />इस निर्मम बीहड़ जन अरण्य में<br />इतने सारे ‘अपनों’ के बीच<br />होते हुए भी<br />मैं नितांत अकेली हूँ ! <br /><br />बहुत संवेदनशील रचना....!<br /><br />MY RECENT POST ,...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/05/blog-post_10.html#links" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-42019828166097574382012-05-12T07:58:36.279+05:302012-05-12T07:58:36.279+05:30माँ ऐसी ही होती है , कभी -कभी लगता है , माँ ऐसी क...माँ ऐसी ही होती है , कभी -कभी लगता है , माँ ऐसी क्यों होती है , वह खुद के बारे में क्यों नहीं सोचती , अपने स्वास्थ्य , अपने स्वाभिमान, अपनी जिंदगी !!!<br />भावपूर्ण कविता !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-89567596299931258412012-05-12T07:29:33.737+05:302012-05-12T07:29:33.737+05:30आदरणीया साधना माँ
नमस्कार !
माँ की ममता मन बस प्र...आदरणीया साधना माँ <br />नमस्कार !<br />माँ की ममता मन बस प्राणों में बसी रहे<br />बहुत संवेदनशील रचना....!<br />कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका<br />माफ़ी चाहता हूँ<br /><br />संजय भास्करसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-19753979708609042782012-05-12T00:35:57.308+05:302012-05-12T00:35:57.308+05:30man ko bhavuk karti rachna .aabharman ko bhavuk karti rachna .aabharShikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-88652942073112571892012-05-11T20:36:34.205+05:302012-05-11T20:36:34.205+05:30होते ही बेटी के रूख्सत मामता के जोश में
अपनी बेटी ...होते ही बेटी के रूख्सत मामता के जोश में<br />अपनी बेटी की सहेली से लिपट जाती है मां<br /><br />शुक्रिया हो ही नहीं सकता कभी उस का अदा<br />मरते मरते भी दुआ जीने की दे जाती है मां<br /><br />See<br />http://www.pyarimaan.blogspot.in/2012/04/mother-urdu-poetry-part-3.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-9635070524960631172012-05-11T20:22:39.893+05:302012-05-11T20:22:39.893+05:30माँ का स्थान कोई ले ही नहीं सकता |उसके जैसा प्यार ...माँ का स्थान कोई ले ही नहीं सकता |उसके जैसा प्यार कोई दे नहीं सकता |बहुत भावपूर्ण रचना और सुन्दर शब्द चयन |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-15924730392048477942012-05-11T20:19:07.644+05:302012-05-11T20:19:07.644+05:30माँ के प्रेम की उत्कृष्ट भावाभिव्यक्ति....बहुत संव...माँ के प्रेम की उत्कृष्ट भावाभिव्यक्ति....बहुत संवेदनशील रचना..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-42907770336299462732012-05-11T20:14:15.215+05:302012-05-11T20:14:15.215+05:30वह तुम्हीं हो सकती थीं माँ
मेरा ज़रा सा उतरा चेहरा...वह तुम्हीं हो सकती थीं माँ<br />मेरा ज़रा सा उतरा चेहरा देख<br />सिरहाने बैठ प्यार से मेरे माथे पर <br />अपने आँचल से हवा करती रहती थीं<br />और देर रात में सबकी नज़र बचा कर<br />चुपके से ढेर सारा राई नोन साबित मिर्चें<br />मेरे सिर से पाँव तक कई बार फेर<br />नज़र उतारने का टोटका<br />किया करती थीं ! <br />आदरणीया साधना जी ..माँ की ममता मन में बसी रहे प्राणों में बसी रहे ..ये छाँव ये प्रेम और कहाँ ..काश आज की पीढ़ी इस को अपने दिल में उतार ले ...<br />बहुत सुन्दर ..<br />आप से एक अनुरोध भी है ..अपनी कुछ प्यारी रचनाएं ..प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच पर समाज के लिए रचें एक कवियित्री बनें इस मंच पर भी --अपना सन्देश दीजियेगा ताकि आमन्त्रण दिया जा सके ..<br />जय श्री राधे <br />भ्रमर ५SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5https://www.blogger.com/profile/11163697127232399998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-1213881380262495472012-05-11T19:06:10.466+05:302012-05-11T19:06:10.466+05:30बेहद सुंदर भावपूर्ण रचना....:-)बेहद सुंदर भावपूर्ण रचना....:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-60853295095954149152012-05-11T17:55:10.221+05:302012-05-11T17:55:10.221+05:30माँ के प्यार में निस्वार्थ भाव को समेटती आपकी खुब...माँ के प्यार में निस्वार्थ भाव को समेटती आपकी खुबसूरत रचना....माँ तो सिर्फ माँ होती है...... .विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-14527460797481876012012-05-11T17:33:53.531+05:302012-05-11T17:33:53.531+05:30@ बहुत बहुत धन्यवाद रश्मिप्रभा जी ! हृदय से आभारी ...@ बहुत बहुत धन्यवाद रश्मिप्रभा जी ! हृदय से आभारी हूँ आपकी मेरे अंतर्मन की व्यथा को आपने समझा !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-21135327771662600402012-05-11T17:11:12.837+05:302012-05-11T17:11:12.837+05:30माँ की हर याद समाहित है ... बेटी को पढकर सुनाते हु...माँ की हर याद समाहित है ... बेटी को पढकर सुनाते हुए गला रुंध गया . आपकी कलम में पिकासो उतर आयारश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com