tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post402313944701665665..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: घूरे से मैं लकड़ी लाई ( बाल कथा ) - 7Sadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-7854777787825475252010-03-09T02:24:39.770+05:302010-03-09T02:24:39.770+05:30आप ऐसी कहानियाँ सुना रही हैं कि मेरा फिर से बच्चा ...आप ऐसी कहानियाँ सुना रही हैं कि मेरा फिर से बच्चा बन जाने को मन कर रहा है .............. और माँ की याद अनायास ही आने लगी है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-92073026512581687142010-03-06T12:05:47.874+05:302010-03-06T12:05:47.874+05:30बहुत सुंदर ढंग से बिल्ली की बुद्धिमानी का वर्णन कि...बहुत सुंदर ढंग से बिल्ली की बुद्धिमानी का वर्णन किया है |मुझे आशा है कहानी बच्चों की पहली पसंद बनेगी ,<br />और सब पाठक तो मजा लेंगे ही |सुंदर कहानी के <br />लिए बधाई |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-71910851578213248742010-03-06T10:48:05.223+05:302010-03-06T10:48:05.223+05:30यह कहानी भी मंचन के योग्य है और शिक्षाप्रद भी है |...यह कहानी भी मंचन के योग्य है और शिक्षाप्रद भी है |धन्यबादबीनाशर्माnoreply@blogger.com