tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post4552604548760426608..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: तस्वीरSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-2702143666252240462011-05-04T01:26:38.318+05:302011-05-04T01:26:38.318+05:30आज कल आपकी कवितायेँ मेरे ब्लॉग पर नहीं दिखाई दे र...आज कल आपकी कवितायेँ मेरे ब्लॉग पर नहीं दिखाई दे रही हैं केवल शीर्षक आता है बस..<br /><br />मैं आपकी "कठपुतली" भी नहीं पढ़ सकी,और "मैं तुम्हारी माँ हूँ" भी..<br /><br />कृपया परेशानी का निवारण करें....!!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-29988894441196327292011-05-01T16:13:22.369+05:302011-05-01T16:13:22.369+05:30बहुत थी आरज़ू हमको तुम्हारी उल्फत की ,
बड़ी उम्मीद ...बहुत थी आरज़ू हमको तुम्हारी उल्फत की ,<br /><br />बड़ी उम्मीद से हमने तुम्हें पुकारा था...<br /><br />साधना जी , बहुत उम्दा रचना, भावुक करने वाली।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-40370068154698890622011-05-01T14:33:14.518+05:302011-05-01T14:33:14.518+05:30बहुत सुंदर .... सच्ची और अच्छी अभिव्यक्ति.... बेहत...बहुत सुंदर .... सच्ची और अच्छी अभिव्यक्ति.... बेहतरीनमदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69150109069858619412011-05-01T14:33:06.956+05:302011-05-01T14:33:06.956+05:30बहुत सुंदर .... सच्ची और अच्छी अभिव्यक्ति.... बेहत...बहुत सुंदर .... सच्ची और अच्छी अभिव्यक्ति.... बेहतरीनमदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-54394446656260519462011-05-01T12:14:34.930+05:302011-05-01T12:14:34.930+05:30बहुत थी आरज़ू हमको तुम्हारी उल्फत की
बड़ी उम्मीद ...बहुत थी आरज़ू हमको तुम्हारी उल्फत की <br />बड़ी उम्मीद से हमने तुम्हें पुकारा था ...<br /><br />वाह ... बहुत खूबसूरत गीत है ... आपका अंदाज़ आज जुदा है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-19729929145709117832011-05-01T08:22:01.765+05:302011-05-01T08:22:01.765+05:30बहुत खूब।बहुत खूब।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-80796991491406333442011-05-01T08:19:23.590+05:302011-05-01T08:19:23.590+05:30सुन्दर अहसास लिए अच्छी रचना।सुन्दर अहसास लिए अच्छी रचना।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-34740935395855688222011-05-01T05:53:28.950+05:302011-05-01T05:53:28.950+05:30बहुत बेहतरीन लगी पूरी रचना.....बहुत बेहतरीन लगी पूरी रचना.....Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-885844014885374582011-04-30T19:54:08.690+05:302011-04-30T19:54:08.690+05:30अलग भावभूमि पर लिखी यह नज़्म मन को छू गई।अलग भावभूमि पर लिखी यह नज़्म मन को छू गई।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-77007516428009456432011-04-30T19:33:31.086+05:302011-04-30T19:33:31.086+05:30साधना जी इस बेजोड़ रचना के लिए बधाई स्वीकारें
नीरज...साधना जी इस बेजोड़ रचना के लिए बधाई स्वीकारें<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-29156496378027634502011-04-30T16:56:21.563+05:302011-04-30T16:56:21.563+05:30बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादह ,
खुद अपन...बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादह ,<br />खुद अपने आने पे भी बस कहाँ तुम्हारा था !<br /><br />कहाँ थे फासले मीलों में या कि बस मन में ,<br />जो दुःख बस गया इस दिल में वो हमारा था !<br /><br />बहुत ही भावमय करते शब्द ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-56229827564229058742011-04-30T15:27:44.097+05:302011-04-30T15:27:44.097+05:30बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादह ,
खुद अप...बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादह ,<br /><br />खुद अपने आने पे भी बस कहाँ तुम्हारा था !<br /><br />कहाँ थे फासले मीलों में या कि बस मन में ,<br />जो दुःख बस गया इस दिल में वो हमारा था<br /><br />बहुत गहन व्यथा ...शांत शांत ...सी हो कर बह रही है ..<br />एकाकी से भाव लिए ......<br />बहुत सुंदर कविता ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-38179060140096726892011-04-30T13:55:44.591+05:302011-04-30T13:55:44.591+05:30सितारे टाँक लिये थे फलक के चूनर में ,................सितारे टाँक लिये थे फलक के चूनर में ,.............<br />किसीने ने नोच लिये तिनके सब नशेमन के .......<br />कहाँ थे फासले मीलों में या कि बस मन में ...............<br /><br />भावनाओं का सुंदर शब्द चित्रणwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-29937547138110004092011-04-30T13:04:39.691+05:302011-04-30T13:04:39.691+05:30"चाँद से नूर चांदनी से मांग ली थी हंसी "..."चाँद से नूर चांदनी से मांग ली थी हंसी "<br />बहुत अच्छी लगी पोस्ट बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-63842339129702955042011-04-30T12:22:03.584+05:302011-04-30T12:22:03.584+05:30न जाने कैसे कहाँ टूट गये ख्वाब सभी ,
खुली जो आँख ...न जाने कैसे कहाँ टूट गये ख्वाब सभी ,<br /><br />खुली जो आँख तो तनहा सफर हमारा था !<br />एक एक लाईण गजब ढा रही हे बहुत खुब जी धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-83355623607935964422011-04-30T12:21:15.118+05:302011-04-30T12:21:15.118+05:30बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादा
खुद अपने...बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादा <br />खुद अपने आने पे भी बस कहाँ तुम्हारा था !<br />........<br />प्रेम में कहा वश रह जा है आंटी..ये तो सर्वश्वा समर्पण की रह है..<br />रचना भा गयी मन कोआशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-31340124906637598872011-04-30T12:16:50.497+05:302011-04-30T12:16:50.497+05:30कहाँ थे फासले मीलों में या कि बस मन में ,
जो दुःख ...कहाँ थे फासले मीलों में या कि बस मन में ,<br />जो दुःख बस गया इस दिल में वो हमारा था !<br /><br />न जाने ख्वाब क्यों टूट जाते हैं ...बहुत खूबसूरती से पिरोया है भावों को ...मन की वेदना की सुन्दर अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-39330140440979309932011-04-30T12:00:21.252+05:302011-04-30T12:00:21.252+05:30बहुत थी आरज़ू हमको तुम्हारी उल्फत की ,
बड़ी उम्मीद ...बहुत थी आरज़ू हमको तुम्हारी उल्फत की ,<br /><br />बड़ी उम्मीद से हमने तुम्हें पुकारा था !<br /><br />बहुत थे फासले और मुश्किलें भी थीं ज्यादह ,<br />खुद अपने आने पे भी बस कहाँ तुम्हारा था !<br /><br />आज तो कुछ अलग ही मूड में हैं,आप<br />बहुत ही प्यारी लगी,ये रचना.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.com