tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post4905020609815835169..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: कल रात ख्वाब मेंSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-38087855423412655892011-12-25T06:25:13.021+05:302011-12-25T06:25:13.021+05:30बहुत गहरा अहसाह लिए दर्द भरी कविती |सुन्दर शब्द चय...बहुत गहरा अहसाह लिए दर्द भरी कविती |सुन्दर शब्द चयन |Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-38358766517254036562011-12-24T17:25:54.582+05:302011-12-24T17:25:54.582+05:30अद्भुत अप्रतिम रचना....
सादर.अद्भुत अप्रतिम रचना.... <br />सादर.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-22537123005879098582011-08-30T19:21:13.090+05:302011-08-30T19:21:13.090+05:30Itni dard bhari panktiyan ki padh ke meri akhein n...Itni dard bhari panktiyan ki padh ke meri akhein nam si ho gai. Itni gahrai ki laga sab kuch sach mein ho raha meri aakhon ke samne chal raha hai.. bahut hi sundar rachna..Kalpanahttps://www.blogger.com/profile/14083805132286329627noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-18561428468634634382011-08-23T22:51:17.509+05:302011-08-23T22:51:17.509+05:30BHAVPOORNA RACHANABHAVPOORNA RACHANAAnamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-37550438631891799432011-08-23T19:02:40.229+05:302011-08-23T19:02:40.229+05:30फिर से पढ़ी ..अच्छा लगा पढ़ना ... यह रचना मेरे दिल...फिर से पढ़ी ..अच्छा लगा पढ़ना ... यह रचना मेरे दिल के करीब है :)संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-12736833604870777182011-08-23T17:21:56.253+05:302011-08-23T17:21:56.253+05:30बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-10433735879728275232011-08-23T14:49:18.233+05:302011-08-23T14:49:18.233+05:30बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती.....बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-42147050691133710592011-08-23T14:21:39.759+05:302011-08-23T14:21:39.759+05:30bhaut hi acchi rachna....bhaut hi acchi rachna....सागरhttps://www.blogger.com/profile/04586480950461229346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-49210786970553849602011-08-23T13:52:09.481+05:302011-08-23T13:52:09.481+05:30सशक्त अभिव्यक्ति है आपकी |सशक्त अभिव्यक्ति है आपकी |Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-40770926001948894412011-08-23T11:15:35.913+05:302011-08-23T11:15:35.913+05:30शायद मेरे आँसुओं से सींचे जाने से
तुम्हारे बाग के ...शायद मेरे आँसुओं से सींचे जाने से<br />तुम्हारे बाग के फूल और स्वस्थ,<br />और सुरभित, और सुन्दर हो जायें !<br /><br />आपकी हर कविता की तरह बहुत ही उत्कृष्ट कविता। <br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-82617339423465869562011-02-26T19:46:14.669+05:302011-02-26T19:46:14.669+05:30बहुत सुन्दर और दर्द भरी पंक्तियाँबहुत सुन्दर और दर्द भरी पंक्तियाँHarshita Joshihttps://www.blogger.com/profile/04274397136761595526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-2983337697890521932011-02-18T21:58:47.754+05:302011-02-18T21:58:47.754+05:30तुम्हारी नींद ना टूटे इसलिये
मैंने दूर से ही तुम्ह...तुम्हारी नींद ना टूटे इसलिये<br />मैंने दूर से ही तुम्हारे घर के<br />बंद दरवाज़े को<br />अपनी नज़रों से सहलाया था<br />और चुपके से<br />अपनी भीगी पलकों की नोक से<br />उस पर अपना नाम उकेर दिया था !<br />सुबह को जब तुमने दरवाजा खोला होगा<br />तो उसे पढ़ तो लिया था ना ?<br /><br />बहुत प्रभावी ढंग .बहुत सुन्दर..<br />ख़ूबसूरत कविताAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-78646929340199940232011-02-17T23:09:36.371+05:302011-02-17T23:09:36.371+05:30sadhna ji maafi chahungi aapki kavita par bahut la...sadhna ji maafi chahungi aapki kavita par bahut late pahuchi. life ki aur priorities ke aage kayi baar apni icchhaon ko side line karna padta hai, so aapse kshama chaahti hun.<br /><br />aapki kavita bahut bahut sunder hai. bahut sunder alankaar prayog kiye jis se kavita ki khoobsurti me char chaand laga diye hain.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-67389320984547391962011-02-17T10:11:48.929+05:302011-02-17T10:11:48.929+05:30.
कल रात ख्वाब में
मैं तुम्हारे घर के कितने पास
प....<br /><br />कल रात ख्वाब में<br />मैं तुम्हारे घर के कितने पास<br />पहुँच गयी थी !<br />तुम्हारी नींद ना टूटे इसलिये<br />मैंने दूर से ही तुम्हारे घर के<br />बंद दरवाज़े को<br />अपनी नज़रों से सहलाया था<br />और चुपके से<br />अपनी भीगी पलकों की नोक से<br />उस पर अपना नाम उकेर दिया था !<br />सुबह को जब तुमने दरवाजा खोला होगा<br />तो उसे पढ़ तो लिया था ना ? <br /><br />@ अरे, ख्वाब में करते हो इतने हौसले.<br />बंद दरवाजे पे खुद का नाम पी के घोंसले.<br />नींद में करते हो छिपकर काम स्व-पलकों तले. <br />स्वप्न में भी चाहते हो पिय केवल नींद ले. <br />प्रेम की इस साधना से व्यक्त होता है सखेद. <br />उपजता रतिशून्य भावी भय मिश्रित निर्वेद. <br /><br />.... फिलहाल इतना ही. <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-70588147559842867622011-02-17T08:36:19.658+05:302011-02-17T08:36:19.658+05:30बहुत सुंदर ...मनोभावों और शब्दों का कमाल चित्रण .....बहुत सुंदर ...मनोभावों और शब्दों का कमाल चित्रण ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-65310192677843285302011-02-16T21:13:53.033+05:302011-02-16T21:13:53.033+05:30विरले ही ऐसी कविता मिलती है,जिसे बार बार पढने को म...विरले ही ऐसी कविता मिलती है,जिसे बार बार पढने को मन करे.<br />बहुत ही हृदय स्पर्शी कृति है.<br />एक दिन लेट मिली.<br />१४ फरवरी को मिलनी चाहिए थी प्रेम की यह अभिव्यक्ति.<br />आपकी कलम को ढेरों सलामविशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-54562330659650444972011-02-16T20:06:52.393+05:302011-02-16T20:06:52.393+05:30तुम जब आसमान में देखोगे
तो हर तारा रुँधे स्वर में
...तुम जब आसमान में देखोगे<br />तो हर तारा रुँधे स्वर में<br />तुमसे मेरी ही बात करेगा<br />तुम उन बातों को समझ तो पाओगे ना<br /><br />यह प्रश्न अनंत कल से चला आ रहा है..<br /> <br />अप्प ने एक नए अंदाज में उकेरा..<br />बधाइयाँआशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-74931084147725711792011-02-16T16:26:39.202+05:302011-02-16T16:26:39.202+05:30रेशमी एहसास भरे .. प्रेम को moun की भाषा में ही कह...रेशमी एहसास भरे .. प्रेम को moun की भाषा में ही कह दिया ... ..<br />लाजवाब रचना .दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-62111802275598097932011-02-16T12:00:48.753+05:302011-02-16T12:00:48.753+05:30बहुत सुंदरता से मन के भाव प्रदर्शित किये हैं |बहुत...बहुत सुंदरता से मन के भाव प्रदर्शित किये हैं |बहुत बहुत बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-53651807621061632792011-02-16T11:22:59.880+05:302011-02-16T11:22:59.880+05:30अपने माननीय पाठकों की हृदय से कृतज्ञ हूँ कि उन्हों...अपने माननीय पाठकों की हृदय से कृतज्ञ हूँ कि उन्होंने कविता के मर्म को समझा और सराहा ! आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ! अपनी प्रतिक्रियाओं से इसी तरह मुझे प्रोत्साहित करते रहें ! आभारी रहूँगी !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-79179715694887161892011-02-16T11:21:53.205+05:302011-02-16T11:21:53.205+05:30बड़ी ही चमत्कृत करने वाली नवीन कोमल शब्द-योजनाओं स...बड़ी ही चमत्कृत करने वाली नवीन कोमल शब्द-योजनाओं से गुम्फित कविता बड़ी मोहक लगी। साधुवाद।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-69409124558409136562011-02-16T09:59:04.800+05:302011-02-16T09:59:04.800+05:30तुम अपने बगीचे की क्यारी में
पौधे रोपने के लिये जब...तुम अपने बगीचे की क्यारी में<br />पौधे रोपने के लिये जब<br />मिट्टी तैयार करोगे तो<br />तुम वहाँ मेरे आँसुओं की नमी<br />ज़रूर महसूस कर पाओगे....<br />साधना जी मार्मिक अभिव्यक्ति है। कल्पनाओं को ऐसे शब्दों मे समेटने की महारत आप मे है। बहुत अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-71414209793206391842011-02-16T08:48:06.444+05:302011-02-16T08:48:06.444+05:30आपसे मुझे जलन हो रही है।
गुस्सा भी आ रहा है।
• इस...आपसे मुझे जलन हो रही है।<br />गुस्सा भी आ रहा है।<br /><br />• इसमें लोकगीत जैसी उदासी और शोकांतिका है।<br />• इसमें शांत बुनावट है, कहीं कोई हड़बड़ी या अतिरिक्त आवेश नहीं है।<br />आपकी भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम भर नहीं, जीवन की तहों में झांकने वाली आंख है। <br />* इस कविता का काव्य-शिल्प हमें सहज ही कवयित्री की भाव-भूमि के साथ जोड़ लेता है। चित्रात्मक वर्णन कई जगह बांधता है।<br />** शब्दों का चयन, अपनी भिन्न अर्थ छटाओं से कविता को ग्राह्य बनाए रखता है। <br />*** और अंत में किया गया प्रश्न ‘तुम उन बातों को समझ तो पाओगे ना ?’ हमारे संवेदन को छूकर आंखों के कोर को गीला कर जाता है?मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-27822625762872522432011-02-16T08:41:09.581+05:302011-02-16T08:41:09.581+05:30• आपकी इस रचना में प्रेम है तो सिर्फ़ घटना बनकर नह...• आपकी इस रचना में प्रेम है तो सिर्फ़ घटना बनकर नहीं है।<br />अब ये भी बांट लूं ..<br />कोरे काग़ज़ सा बदन, हाथ लगाए कौन, <br />मन में बातें सैंकड़ों, पर होंठों पर मौन।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-39750536773228243752011-02-16T08:40:06.641+05:302011-02-16T08:40:06.641+05:30इतनी अच्छी प्रेम कविता मैंने ब्लॉग पर नहीं पढी है।...इतनी अच्छी प्रेम कविता मैंने ब्लॉग पर नहीं पढी है। हो सकता है मैंने ब्लॉग पर कविताएं कम पढी हो ... पर इतना भी कम नहीं।<br />पहले ये बांट लूं।<br />रास्ते में वो मिल गया अच्छा लगा, <br />सूना-सूना रास्ता अच्छा लगा। <br />कितने शिकवे थे मुझे थे तकदीर से, <br />आज क़िस्मत का लिखा अच्छा लगा। <br />मुझमें क्या है मुझको कब मालूम है, <br />उससे पूछो उसको क्या अच्छा लगा।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com