tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post8999934615033535380..comments2024-03-26T14:47:22.000+05:30Comments on Sudhinama: चूल्हाSadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-43415938852985843442020-04-28T09:54:00.291+05:302020-04-28T09:54:00.291+05:30हार्दिक धन्यवाद जेनी जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! हार्दिक धन्यवाद जेनी जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-34822553057718839592020-04-27T22:09:18.110+05:302020-04-27T22:09:18.110+05:30मुझे अपना बचपन याद आ गया. ऐसे ही मिटटी के चूल्हे प...मुझे अपना बचपन याद आ गया. ऐसे ही मिटटी के चूल्हे पर लकड़ी के जलावन से मेरी दादी खाना बनाती थी, जब वह गाँव में थी. बहुत अच्छी यादें और अभिव्यक्ति.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-47807121644381732352020-04-27T18:32:46.293+05:302020-04-27T18:32:46.293+05:30हार्दिक धन्यवाद शुभा जी ! रचना आपको अच्छी लगी मेरा...हार्दिक धन्यवाद शुभा जी ! रचना आपको अच्छी लगी मेरा श्रम सफल हुआ ! आपका हृदय से बहुत बहुत आभार ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-8792577040430934832020-04-27T17:43:41.677+05:302020-04-27T17:43:41.677+05:30वाह!साधना जी ,आपनें पुरानी यादें ताजा कर दी । बहुत...वाह!साधना जी ,आपनें पुरानी यादें ताजा कर दी । बहुत ही खूबसूरत सृजन । सही है माँ से अच्छा शेफ तो दुनियाँ में कहीं न मिलेगा ।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-5870916402174163582020-04-27T16:58:31.761+05:302020-04-27T16:58:31.761+05:30दिल से आभार आपका जीजी ! बहुत बहुत धन्यवाद जी ! दिल से आभार आपका जीजी ! बहुत बहुत धन्यवाद जी ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-64784207103784278532020-04-27T09:45:01.400+05:302020-04-27T09:45:01.400+05:30बहुत सजीव चित्रण के लिए बधाई |
बहुत सजीव चित्रण के लिए बधाई |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-12110144145113300332020-04-27T06:13:14.765+05:302020-04-27T06:13:14.765+05:30अप्रतीम रचना सखी बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति।अप्रतीम रचना सखी बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति।SUJATA PRIYEhttps://www.blogger.com/profile/04317190675625593228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-11645251242903251712020-04-26T17:18:05.433+05:302020-04-26T17:18:05.433+05:30हार्दिक धन्यवाद आपका श्वेता जी ! बहुत बहुत आभार ! ...हार्दिक धन्यवाद आपका श्वेता जी ! बहुत बहुत आभार ! सप्रेम वन्दे सखी ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-73334585980956716762020-04-26T17:13:18.791+05:302020-04-26T17:13:18.791+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक<br />२७ अप्रैल २०२० के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-52183715368882009522020-04-26T15:54:44.604+05:302020-04-26T15:54:44.604+05:30हार्दिक धन्यवाद जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! हार्दिक धन्यवाद जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-23104183310850759852020-04-26T09:11:22.663+05:302020-04-26T09:11:22.663+05:30बहुत शानदार रचना |
बहुत शानदार रचना |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-67272295532599613412020-04-25T22:51:38.631+05:302020-04-25T22:51:38.631+05:30हार्दिक धन्यवाद रेणु जी ! बहुत ही सुन्दर सशक्त रचन...हार्दिक धन्यवाद रेणु जी ! बहुत ही सुन्दर सशक्त रचना साझा की आपने ! अत्यंत भावपूर्ण एवं गहन ! सत्य है माँ बनाने के बाद ही जाना जा सकता है कि माँ बनना क्या होता है !बहुत बहुत आभार आपका ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-56032940279977916562020-04-25T22:45:53.415+05:302020-04-25T22:45:53.415+05:30हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका ! हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-55166921415245794032020-04-25T22:45:16.092+05:302020-04-25T22:45:16.092+05:30आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कुलदीप जी ...आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कुलदीप जी ! सादर वन्दे ! <br />Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-65680632795930107862020-04-25T22:41:34.792+05:302020-04-25T22:41:34.792+05:30 आदरणीय साधना जी , माँ का अन्नपूर्ण का तमगा सच... आदरणीय साधना जी , माँ का अन्नपूर्ण का तमगा सचमुच कोई नहीं छीन सकता | माँ के चूल्हे और चौके को आपने बहुत ही भाव से याद किया है |मन को स्पर्श कर गयी आपकी ये रचना | मेरी एक रचना की कुछ पंक्तियाँ आपकी इस रचना विशेष के नाम --<br /> माँ अब समझी हूँ प्यार तुम्हारा <br />तुम जो रोज कहा करती थी --<br />धरती और माँ एक हैं दोनों ,<br />अपने लिए नहीं जीती हैं -<br />अन्नपूर्णा और नेक हैं दोनों ;<br />माँ बनकर मैंने जाना है -<br />औरो की खातिर जीना कैसा है ,<br />जीवन - अमृत पीने की खातिर -<br />मन के आंसूं पीना कैसा है -,<br />और टूटा मन सीना कैसा है -?<br />खुद को मिटाया तो जाना है -<br />अम्बर सा विस्तार तुम्हारा ! <br /> माँ अब समझी हूँ प्यार तुम्हारा !\ <br />सप्रेम शुभकामनाएं|<br /><br /><br /><br />खिड़की से देखा करती हूँ --<br /><br /> <br /><br /> ,रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-64406954776845648262020-04-25T16:15:14.602+05:302020-04-25T16:15:14.602+05:30सुन्दर रचना सुन्दर रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-26842887821682485162020-04-25T14:17:53.757+05:302020-04-25T14:17:53.757+05:30हार्दिक धन्यवाद सुबोध जी ! यूँ तो हमारे देश के गाँ...हार्दिक धन्यवाद सुबोध जी ! यूँ तो हमारे देश के गाँवों में, वो चाहे राजस्थान हो, मध्य प्रदेश हो, उत्तर प्रदेश हो या फिर बिहार या गुजरात हो, चूल्हे पर पके खाने का जायका बदस्तूर चखने के लिए मिल जाएगा ! मेरी स्मृतियाँ अपने बचपन से जुडी हुई हैं ! उन दिनों हमारे यहाँ खाना चूल्हे पर ही बनता था ! मैं बिहार कभी नहीं गयी लेकिन छठ पर्व के बारे में सुना और पढ़ा बहुत है ! आपने रूचि लेकर रचना को पढ़ा आपका बहुत बहुत आभार ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-83756060075035756572020-04-25T14:09:49.165+05:302020-04-25T14:09:49.165+05:30हार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी ! बहुत बहुत आभार आपका ...हार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-47923190195967242122020-04-25T13:00:33.467+05:302020-04-25T13:00:33.467+05:30वैसे शेफ़ के खाने के लिए भुगतान भी तो करना पड़ता है।...वैसे शेफ़ के खाने के लिए भुगतान भी तो करना पड़ता है। <br />गैस के बर्नर और कूकर से इतर चूल्हे पर बनने वाले पीतल, लोहे और मिट्टी के बर्तनों में पकने वाले खानों की सोंधी यादें ताजा हो गईं। <br />इस तरह का माहौल कमोबेश बिहार में मनाए जाने वाले छठ नामक त्योहार में लोग साल में एक बार जी लेते हैं।<br />वैसे केवल माँ का नाम लेना ... थोड़ी बेईमानी हो जाएगी ... शायद ...Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8618924645821194545.post-89896527653323820062020-04-25T12:25:15.474+05:302020-04-25T12:25:15.474+05:30पते की बात कही है आपने।
वाकई माँ का स्थान कोई नहीं...पते की बात कही है आपने।<br />वाकई माँ का स्थान कोई नहीं ले सकता।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com