अम्माँ की बोली
सद्गुण संस्कार से
भर दे झोली
अम्माँ की बोली
मन और प्राणों में
मधु सा घोली
अम्माँ की बोली
गुणकारक जैसे
नीम निबोली
अम्माँ की बोली
उनींदी पलकों पे
मीठी सी लोरी
अम्माँ की बोली
फूल ने हवाओं में
खुशबू घोली
अम्माँ की बोली
मीठी इतनी जैसे
कोयल बोली
अम्माँ की बोली
दुलराती शब्दों से
बेटी को भोली
अम्माँ की बोली
धमकाती बच्चों को
मस्तों की टोली
अम्माँ की बोली
पावन इतनी ज्यों
देवों की बोली |
साधना वैद