Sudhinama

Wednesday, August 13, 2025

दरार - एक लघुकथा

›
  आज रक्षा बंधन का त्योहार है ! असलम के पैर धीरे-धीरे अपने प्रिय दोस्त विशाल के घर की तरफ बढ़ रहे थे ! सालों से उसकी बहन प्रतिभा विशाल के साथ...
5 comments:
Sunday, August 10, 2025

नौकरी करने वाली महिलाओं की समस्याएँ

›
  आज की सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था में यह एक बहुत ही ज्वलंत समस्या है ! यह एक निर्मम यथार्थ है कि नौकरी करने वाली कामकाजी महिलाओं पर दोहर...
2 comments:
Friday, August 8, 2025

बचपन का रक्षा बंधन

›
  बचपन की बातें और बचपन की यादें जब भी दिल के दरवाज़े पर दस्तक देती हैं मन गुलाबी-गुलाबी सा होने लगता है ! विशेष तौर पर जब किसी त्योहार से जु...
6 comments:
Friday, August 1, 2025

दो - मुक्तक - सावन

›
  जाने कैसे सावन में मेरा ये मन बँट जाता है ! ‘पी’ घर ‘बाबुल’ , ‘बाबुल’ के घर ‘साजन’ क्यों तरसाता है बैठी हूँ बाबुल के अँगना झूल रही हूँ झू...
2 comments:
Tuesday, July 29, 2025

विकास का रथ – लघुकथा

›
  नव निर्मित पुल का उदघाटन करके मंत्री जी अभी-अभी मंच पर आए थे ! पीछे-पीछे पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों का हुजूम था ! उनके पीछे आम जनत...
Monday, July 28, 2025

काँवड़ यात्रा

›
  संकल्प की शक्ति भक्ति की पराकाष्ठा श्रद्धा की अनुपम परिणति काँवड़ियों की यह यात्रा ! सिर्फ एक भोला सी आशा कि चढ़ा दें अपने देवता पर श्...
Sunday, July 20, 2025

कुण्डलियाँ

›
  पेड़ों पे झूले पड़े सखियों का है शोर खनक रही हैं चूड़ियाँ मन आनंद विभोर मन आनंद विभोर मगन मन झूल रही हैं कजरी, गीत, मल्हार, सभी दुख भूल...
10 comments:
›
Home
View web version

मैं एक भावुक, संवेदनशील एवं न्यायप्रिय महिला हूँ यथासंभव लोगों में खुशियाँ बाँटना मुझे सुख देता है

My photo
Sadhana Vaid
View my complete profile
Powered by Blogger.