न किस्से ये होते न अफ़साने होते
जहां में जो हमसे मुसव्विर न होते
न खिलती ये कलियाँ न उड़ते परिंदे
जो गुलशन में तुमसे मुतासिर न होते !
चित्र - गूगल से साभार
साधना वैद
बहुत सुंदर
हार्दिक धन्यवाद प्रिया जी ! आभार आपका !
बहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद प्रिया जी ! आभार आपका !
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