Monday, April 15, 2013

चंद हाईकू










सुमन खिले
शब्दों के रत्न जड़े
हृदय जुड़े !

बावरा मन
छूने चला गगन
पंछियों संग !

सजन मिले
मन के तार बजे
बंधन खुले !

बिटिया आई
खुशियाँ घर लाई
रौनक छाई !

जीवन धारा
सब कुछ सहती
बहती जाती !

बादल छाये
गोरिया मुस्कुराये  
जिया हर्षाये !

बरसा पानी
धरती हुलसानी
चूनर धानी !

सुबह हुई
पंछी चहचहाये
मनवा गाये !

प्रभु जो मिले  
भावों के दीप जले  
हृदय खिले !

१०
हूँ निडर मैं  
होगी भी ना हताशा  
प्रबल आशा !

११
राह निर्जन   
है सफर दुर्गम 
साहसी मन ! 



साधना वैद



21 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    नवरात्रों की बधाई स्वीकार कीजिए।

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  2. हूँ निडर मैं
    होगी भी ना हताशा
    प्रबल आशा !.....

    मैं गीत हूँ
    आवाज़ हूँ मन का
    रहूंगी हमेशा .... :)

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  3. अलग अलग रंग लिए भावों से परिपूर्ण सुंदर हाइकु ....

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  4. सुबह की धूप से गुनगुने ...
    सुन्दर चित्र भी !

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  5. राह निर्जन
    है सफर दुर्गम
    साहसी मन !

    एक से बढ़कर एक सभी हाइकु .... बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति

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  6. बहुत सुंदर, भावपूर्ण हाईकु !
    ~सादर!!!

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  7. बहुत ही बेहतरीन हाइकू.

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  8. बहुत ही शानदार हाइकू |
    आशा

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  9. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १६ /४/ १३ को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।

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  10. राह निर्जन
    है सफर दुर्गम
    साहसी मन !

    प्रबल भाव ....बहुत सुन्दर हाइकु ....साधना जी ....

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  11. प्रभु जो मिले
    भावों के दीप जले
    हृदय खिले ! बहुत उम्दा हाइकू ,आभार

    Recent Post : अमन के लिए.

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  12. बावरा मन छूने चला गगन पंछियों संग !
    एक से बढ़कर एक सभी हाइकु ...!!!

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  13. जाग उठे गीत,
    मंदिरों में गूँज रहे राग
    भक्ति की प्रतीति!

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  14. भावपूर्ण हाइकू

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  15. बावरा मन
    छूने चला गगन
    पंछियों संग ...बहुत सुंदर

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  16. प्रभु जो मिले
    भावों के दीप जले
    हृदय खिले !
    बहुत सुन्दर...

    सादर
    अनु

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  17. अप्रतिम हाइकू गढे है।
    सादर

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  18. बहुत ही गहरे भावो की अभिवयक्ति......

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  19. आपकी यह कला पूर्ण रचना 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक की गई है।कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर अवलोकन करें।आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।

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  20. सुन्दर प्रस्तुति ..

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