१
सुमन
खिले
शब्दों के रत्न जड़े
हृदय
जुड़े !
२
बावरा
मन
छूने
चला गगन
पंछियों
संग !
३
सजन
मिले
मन
के तार बजे
बंधन
खुले !
४
बिटिया
आई
खुशियाँ
घर लाई
रौनक
छाई !
५
जीवन
धारा
सब
कुछ सहती
बहती जाती !
बहती जाती !
६
बादल
छाये
गोरिया मुस्कुराये
गोरिया मुस्कुराये
जिया हर्षाये !
७
बरसा
पानी
धरती
हुलसानी
चूनर धानी !
८
सुबह
हुई
पंछी
चहचहाये
मनवा
गाये !
९
प्रभु
जो मिले
भावों
के दीप जले
हृदय
खिले !
१०
हूँ
निडर मैं
होगी भी ना हताशा
प्रबल
आशा !
११
राह निर्जन
है सफर दुर्गम
साहसी मन !
साधना
वैद
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteनवरात्रों की बधाई स्वीकार कीजिए।
हूँ निडर मैं
ReplyDeleteहोगी भी ना हताशा
प्रबल आशा !.....
मैं गीत हूँ
आवाज़ हूँ मन का
रहूंगी हमेशा .... :)
अलग अलग रंग लिए भावों से परिपूर्ण सुंदर हाइकु ....
ReplyDeleteसुबह की धूप से गुनगुने ...
ReplyDeleteसुन्दर चित्र भी !
राह निर्जन
ReplyDeleteहै सफर दुर्गम
साहसी मन !
एक से बढ़कर एक सभी हाइकु .... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुंदर, भावपूर्ण हाईकु !
ReplyDelete~सादर!!!
बहुत ही बेहतरीन हाइकू.
ReplyDeleteबहुत ही शानदार हाइकू |
ReplyDeleteआशा
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १६ /४/ १३ को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
ReplyDeleteराह निर्जन
ReplyDeleteहै सफर दुर्गम
साहसी मन !
प्रबल भाव ....बहुत सुन्दर हाइकु ....साधना जी ....
प्रभु जो मिले
ReplyDeleteभावों के दीप जले
हृदय खिले ! बहुत उम्दा हाइकू ,आभार
Recent Post : अमन के लिए.
बावरा मन छूने चला गगन पंछियों संग !
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक सभी हाइकु ...!!!
ReplyDeleteजाग उठे गीत,
मंदिरों में गूँज रहे राग
भक्ति की प्रतीति!
भावपूर्ण हाइकू
ReplyDelete"महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी
ReplyDelete"
बावरा मन
ReplyDeleteछूने चला गगन
पंछियों संग ...बहुत सुंदर
प्रभु जो मिले
ReplyDeleteभावों के दीप जले
हृदय खिले !
बहुत सुन्दर...
सादर
अनु
अप्रतिम हाइकू गढे है।
ReplyDeleteसादर
बहुत ही गहरे भावो की अभिवयक्ति......
ReplyDeleteआपकी यह कला पूर्ण रचना 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक की गई है।कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर अवलोकन करें।आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ..
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