आम
आदमी पार्टी की अप्रत्याशित सफलता के लिये उन्हें हार्दिक बधाई ! परन्तु चुनाव
सिर्फ हार जीत का मैच नहीं है यह प्रजातंत्र की परीक्षा और जनता के उस पर विश्वास
की पुनर्स्थापना का पर्व भी है !
दिल्ली
को सरकार मिलनी ही चाहिये ! राष्ट्रपति शासन के लिये चुनाव नहीं हुए थे ! दोबारा
चुनाव कराये जाने का प्रस्ताव भी समस्या का सबसे बेकार विकल्प है ! जनता ने अपनी
समस्याओं से त्रस्त होकर और भ्रष्टाचार से कुद्ध होकर वर्तमान सरकार को हराया है !
आम
आदमी पार्टी के परम्परा से हट कर प्रचार और मनभावन दावों ने जनता की उम्मीदों को
जिस प्रकार परवान चढ़ाया है उनको यथार्थ में लागू करने का यही सही समय है ! आम आदमी
के कार्यकर्ताओं का उत्साह भी इस समय शिखर पर है और जनता के लिये कुछ असाधारण कर
गुजरने का उनका हौसला भी इस समय सर्वविदित है ! यदि इस समय उन्हें कुछ कर गुजरने
का अवसर मिलता है तो या तो व्यवस्था परिवर्तन का लाभ जनता को मिल कर रहेगा अथवा आम
आदमी पार्टी को बदलाव की गति, वास्तविक यथार्थ और अपनी सीमाओं का भान हो जायेगा !
आम
आदमी पार्टी को सरकार बनाने का अवसर मिले इसका बहुत ही सरल उपाय भी है ! बड़े भाई
भाजपा को कुछ और बड़प्पन दिखाना होगा ! अपने ५ विधायकों से इस्तीफा दिला कर श्री
अरविन्द केजरीवाल को बहुमत में लाना होगा जिससे वे सरकार बना कर अपने सारे वायदों
को पूरा कर सकें या आवश्याक्तानुसार अपनी सोच और योजनाओं में सुधार ला सकें ! इस
कदम से भारतीय जनता पार्टी का सम्मान भी बढ़ेगा और जनता के सामने उसकी छवि और उदार
हो जायेगी और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभा कर आम आदमी पार्टी के जनहित में लिये गये निर्णयों का सही आकलन करने का अवसर भी उन्हें भरपूर मिलेगा !
आपका क्या विचार है ? क्या यह उपाय उचित नहीं ?
साधना
वैद
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