शुभ मुहूर्त
सावन की पूर्णिमा
राखी का पर्व !
नेह बंधन
भावना का प्रतीक
राखी का धागा !
प्रेम का पर्व
भाल रोली अक्षत
राखी कलाई !
स्नेह की डोर
भाई की कलाई पे
भाई की कलाई पे
बाँधे बहना !
भैया दुलारे
प्यार का उपहार
राखी का धागा !
कोमल डोर
फौलाद सा बंधन
रिश्ता अटूट !
राखी का स्पर्श
चट्टान सा अटल
भाई का मन !
राखी का स्पर्श
चट्टान सा अटल
भाई का मन !
धागा नहीं ये
भरोसे की जंजीर
बाँधी कलाई !
बाँध के राखी
आजीवन रक्षा का
वादा दे भाई !
माँगे दुआएं
वारी जाये भैया पे
प्यारी बहना !
राखी का पर्व
हर पर्व से न्यारा
अद्भुत प्यारा !
अनूठा रिश्ता
अनुपम त्यौहार
रक्षा बंधन !
प्यारा बंधन
बाँधा जो बहना ने
भाई मगन !
प्यारा बंधन
बाँधा जो बहना ने
भाई मगन !
वारूँ तुझ पे
दुनिया की दौलत
बहना मेरी !
वादा है मेरा
हर बुरी बला से
बचाऊँ तुझे !
आने न दूँगा
किसी भी आफत को
पास में तेरे !
बाँधे भैया को
सुदृढ़ बंधन में
नाज़ुक डोर !
हीरे न मोती
न बंगला न गाड़ी
इतना माँगूँ
आजीवन रक्षा का
उपहार दो भैया !
हीरे न मोती
न बंगला न गाड़ी
इतना माँगूँ
आजीवन रक्षा का
उपहार दो भैया !
साधना वैद
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