माँ
मैया तेरे प्यार का, कैसे होय बखान
मैया तेरे प्यार का, कैसे होय बखान
अम्बर सा व्यापक अरू, सागर सा धनवान !
माँ तेरे सान्निध्य का, हर पल था अनमोल
जीवन जीने की कला, सिखा गया हर बोल !
पिता
नीति नियम के नियंता, घर में होते तात
अनुशासन की राह पर, चलवाते दिन रात !
बरगद जैसी छाँह औ', बादल जैसा प्यार
कड़वी बोली तात की, निर्मल जल की धार !
गुरू
जीवन की पूँजी बना, गुरू का शिक्षा दान
जीते हर संघर्ष में, पाकर उनसे ज्ञान !
कच्ची माटी को दिया, रंग रूप अनमोल
दुनिया भर के ज्ञान को, पिला दिया रस घोल !
सैनिक
भारत माता की कसम, खाते वीर जवान
सीमा की रक्षार्थ हित, देंगे अपनी जान !
ब्याह रचाया मौत से, रक्त लगाया भाल
सेना बाराती बनी, सीमाएं ससुराल !
साधना वैद
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