कुछ दिन पूर्व हर दिल अजीज़, बेहद खूबसूरत और बेहद प्रतिभाशाली अभिनेत्री श्रीदेवी का असमय ही संसार से विदा लेकर चले जाना उनके प्रशंसकों और चाहने वालों को बुरी तरह से झकझोर गया ! अभी उनकी उम्र नहीं थी अलविदा कहने की ! फिर वतन की मिट्टी से दूर जिन असामान्य स्थितियों में उनका निधन हुआ वह निश्चित रूप से और भी दर्दनाक था !
भारत में उनके पार्थिव शरीर के आने के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए बहुत ही सुरुचिपूर्ण तरीके से भव्य आयोजन की व्यवस्था की गयी ! मुम्बई के सेलीब्रेशन स्पोर्ट्स क्लब में उनके पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ रखा गया ! वहाँ पूरे राजकीय सम्मान के साथ तिरंगे झंडे में उनके शव को लपेटा गया ! उन्हें गन सैल्यूट दिया गया ! पुलिस बैंड ने मातमी धुन बजाई और उसके बाद पूरी शान ओ शौकत के साथ उनकी अंतिम यात्रा का जुलूस श्मशान भूमि के लिए अग्रसर हुआ !
श्रीदेवी को हमारी भी भावभीनी श्रद्धांजलि ! इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि श्रीदेवी में अद्भुत अभिनय क्षमता थी ! वे बेहद सुन्दर थीं और उन जैसी कुशल नृत्यांगना शायद ही कोई दूसरी हो ! श्रीदेवी से पहले कुछ समय पूर्व शशि कपूर साहब के पार्थिव शरीर को भी इसी प्रकार गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया था ! वे भी नि:संदेह रूप से आला दर्जे के कलाकार थे ! बस मन में एक ही सवाल उठता है कि मोहम्मद रफ़ी, राजेश खन्ना, ओम पुरी, एवं इन जैसे अन्य कई कलाकारों की प्रतिभा, क्षमता या व्यक्तित्व के ऑरा पर किसे संदेह है ? ये भी सभी पद्म श्री, पद्मभूषण जैसे सम्मानों के विजेता रहे हैं और अपने फील्ड में इनका योगदान भी श्रीदेवी या शशि कपूर से किसी भी तरह कम करके नहीं आँका जा सकता ! फिर इन्हें इस सम्मान से क्यों वंचित रखा गया ? क्या राजकीय सम्मान के साथ अन्त्येष्ट का अधिकार भी अब आज के नेताओं के विवेक के आधीन हो गया है या यह भी अब खरीद फरोख्त की चीज़ बन कर रह गया है ? या फिर तिरंगे की औकात एक कफ़न भर की ही रह गयी है ?
साधना वैद
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