अद्भुत पर्व
मकर संक्रांति का
शुभकामना
फैला उत्साह
उषा किरण संग
सूर्योपासना
उड़ें पतंग
सुदूर गगन में
रंग बिरंगी
करती बातें
पंछियों की टोली से
हर्षित संगी
सूर्य देवता
हुए उत्तरायण
दिशा बदली
सौंधी सुगंध
तिल गुड़ खोये की
घर में फ़ैली
लोहड़ी बीहू
पोंगल औ’ संक्रांति
कितने नाम
सभी मनाते
सम्पूर्ण भारत में
पर्व महान
दान धर्म का
विशेष है महत्त्व
पुण्य कमायें
मनाएं पर्व
उत्साह उल्लास से
दुःख भुलाएँ
गुड़ खाकर
बोलें मीठी बोलियाँ
दिलों को जीतें
हर त्यौहार
विधिवत मनाएं
भाग्य भी जीतें
साधना वैद
बहुत सुंदर
ReplyDeleteमकर-संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं
हार्दिक धन्यवाद भारती जी ! आपका बहुत बहुत आभार !
Deleteबहुत खूब। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद नीतीश जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
DeleteThe nice post
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया जीजी ! हार्दिक आभार आपका !
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (16-1-22) को पुस्तकों का अवसाद " (चर्चा अंक-4311)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक धन्यवाद कामिनी जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! सप्रेम वन्दे !
Deleteआ साधना वैद जी, मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएँ!हाइकू में सुंदर रचना!--ब्रजेंद्रनाथ
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद मर्मज्ञ जी ! आपका बहुत बहुत आभार !
Deleteगुड़ खाकर
ReplyDeleteबोलें मीठी बोलियाँ
दिलों को जीतें ।
मकर संक्रांति की बहुत शुभकामनायें आदरणीय ।
हार्दिक धन्यवाद दीपक जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteहार्दिक धन्यवाद भारती जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
ReplyDeleteखूबसूरत सृजन
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद मनीषा जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
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