वसंत पंचमी की आप सभीको हार्दिक बधाई
प्रेम का राग
गुंजित चहुँ ओर
सृष्टि विभोर
स्वागतोत्सुक
प्रणयिनी वसुधा
प्रतीक्षारत
मदन बाण
मुदित मन प्राण
लज्जावनत
पीत वसना
प्रणयिनी वसुधा
सकुचाई सी
शोभित धरा
सोहे अमलतास
झूमे पलाश
वसंत आया
स्वर्णिम गहने
धरा पहने
राह में तेरी
बिछने को आतुर
पीले गुलाब
आया बसंत
अब साकार होगा
हमारा ख्वाब
भास्कर आये
क्षितिज की कोर पे
धरा मुस्काये
खोलो कपाट
आने को है वसंत
करो स्वागत !
साधना वैद
वाह! सामयिक
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद विवेक जी ! आभार आपका !
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद हरीश जी ! आभार आपका !
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
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