Wednesday, August 22, 2012

विश्वास



आज
एक अरसे के बाद
हिचकिचाते कदमों से
मैं तुम्हारे मंदिर की
इन सीढ़ियों पर
चढ़ने का उपक्रम 
कर रही हूँ !

नयन सूने हैं ,
हृदय भावशून्य है ,
हथेलियाँ रिक्त हैं !

हाथों में ना तो
पूजा का थाल है ,
ना पत्र पुष्प ,
ना धूप दीप ,
ना ही नैवेद्य !

यत्न करने पर भी
कंठ से कोई
भक्तिगीत 
नहीं फूट रहा !

मस्तिष्क सुषुप्त है ,
शब्द खो गये हैं ,
किसी प्रार्थना के
प्रतिफलित होने की
आशा भी निर्जीव है !

 लेकिन 
जाने कहाँ से  
विश्वास का एक
छूटा हुआ सिरा
कल आकर
  फिर मेरे हाथों से  
टकरा गया
और हठपूर्वक
मेरी उँगली थाम
मुझे इस मंदिर की
चौखट तक लाकर
छोड़ गया !

मेरे देवता!
 बस एक प्रार्थना है
तुम मेरी आन
रखो ना रखो
उस विश्वास
की आन 
 ज़रूर रख लेना 
जिसे तुम पर
    इतना विश्वास है !  
  


साधना वैद !
  


20 comments:

  1. बहुत सुंदर भाव लिए शानदार रचना /सच है विस्वास बड़ी चीज है उसे नहीं टूटना चाहिए /इतनी अच्छी रचना के लिए बधाई आपको /


    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है /जरुर पधारें /

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  2. बहुत सुन्दर भाव हैं...
    विश्वास दिलाने वाला ही उसकी रक्षा करने की क्षमता भी रखता है....और एक वाही है जो विशवास नहीं तोड़ता कभी...बस उसका अंदाज़ फर्क हो जाता है....!!

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  3. आदरणीय मौसी जी ,
    सादर नमस्ते,
    आज आपकी रचना ने मेरे हिल चुके विशवास को पुनः मजबूत आधार देने का प्रयास किया है ,आभार |

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  4. मन में विश्वास और श्रद्धा हो तो ईश्वर जरूर साथ देते हैं...सुंदर रचना !!

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  5. सुखमय जीवन चाहते,मन में रखिये आस
    विपदा जब आये तो,रखे ईश्वर पर विश्वास,,,,,

    RECENT POST ...: प्यार का सपना,,,,

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  6. बहुत ही सुन्दर विश्वास जगाती रचना |हार्दिक बधाई |
    आशा

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  7. तुम मेरी आन
    रखो ना रखो
    उस विश्वास
    की आन
    ज़रूर रख लेना
    जिसे तुम पर
    इतना विश्वास है !

    bauhat khoob!!

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  8. आपकी पोस्ट आज 23/8/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें

    चर्चा - 980 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क

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  9. उस विश्वास
    की आन
    ज़रूर रख लेना
    जिसे तुम पर
    इतना विश्वास है !
    उम्दा सोच की उत्तम अभिव्यक्ति !

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  10. भावमय करते शब्‍दों का संगम .. उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति
    आभार

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  11. विश्वास की आन रखने की बात कहती सुंदर भावप्रधान रचना ॰

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  12. सुन्दर भाव शानदार रचना ...

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  13. बहुत सुन्दर भाव हैं...विश्वास ही तो जीवन का आधार है और हम भी प्रार्थना करते है कि ये बना रहे

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  14. ऊपर वाला सच्ची श्रधा का मान सदा रखता है ... भावमय प्रस्तुति है ...

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  15. बहुत सुन्दर रचना , एक विश्वास जगती हुई मन में

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  16. बहुत अच्छा सकारात्मक भाव ,श्रद्धा ,निष्ठा से सराबोर रचना आस्था है तो फल जरूर मिलता है

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  17. बहुत सुन्दर.....
    मन को छू गए एक एक शब्द...

    सादर
    अनु

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  18. शब्द-शब्द श्रद्धा से भरे हुए ... विश्वास दिलाया है तो उसका मान बनाये रखने वाला भी वही है... बहुत सुन्दर भाव

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  19. vishwas hi hai jo jeene ki raah banata hai....jab tak ye bana rahe jeewan tab tak urjawaan hai anytha sab kuchh kashtdaayak.

    sunder shabd shile me saji rachna.

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