Wednesday, January 25, 2017

गणतंत्र दिवस परेड




आया है गणतंत्र का, शुभ दिन देखो आज
दुल्हन सी दिल्ली सजी, हर्षित सकल समाज !

संविधान की शान से, दिवस बन गया ख़ास 
भारत में लागू हुआ, लोकतंत्र का राज ! 


गूँज रहे हैं पार्श्व में, देश भक्ति के गीत
उमड़ पड़ा सारा शहर, डरा न पाई शीत !


सीना फूला गर्व से, आँख अश्रु से लाल 
मर के सम्मानित हुए, भारत माँ के लाल !


बढ़ते सीना तान के, पथ पे वीर जवान
कदम मिला कर चल रहे, ऊँट, अश्व अरु श्वान !


भारत संस्कृति की छटा, सैन्य शक्ति का जोश
   देख विश्व विस्मित हुआ, प्रजा हुई मदहोश ! 
  

बच्चों के उत्साह की, महिमा अपरम्पार
गीत नृत्य और बैंड से, मोहा मन हर बार !


अद्भुत करतब देख के, दर्शक हैं हैरान
ध्वजा बनाते उड़ रहे, नभ में विकट विमान  !


गज पर बैठे शान से, बच्चों के सरताज 
उनके अद्भुत शौर्य पर, गर्वित हर जन आज !


अपने इस गणतंत्र से, हमें बहुत है प्यार  
इसकी रक्षा हित सदा, मिटने को तैयार !  


साधना वैद


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