Sunday, January 8, 2017

प्रेम


प्रेम का धागा

विश्वास के मनके

रिश्तों की माला


प्रेम के गीत

अधरों पे थिरके

फैला सौहार्द्र



प्रेम की वर्षा

नाचे मन मयूर

भीगा जीवन



प्रेम हो ऐसा 

जैसे चाँद चकोर

मन विभोर



प्रेम हो ऐसा

जैसे अम्बर धरा

खालिस खरा



प्रेम हो नैया

विश्वास पतवार

तुम्हारा साथ



अनन्य प्रेम 

उर में छिपा जैसे 

सीप में मोती



प्रेम का दीप

आलोकित करता

जीवन पथ



भीग गयी मैं 
  
नख से शिख तक

प्रेम रंग में



प्रेम की नदी

नफरत की पौध

बहा ले चली



साधना वैद





No comments:

Post a Comment