Wednesday, July 24, 2019

धूम्रपान




बुरी है लत
समस्त व्यसनों में
धूम्रपान की

आपके साथ
बिगाड़े तबीयत
नन्ही जान की

ग्रहण करे
आपका छोड़ा धुँआ
पाये न पार

आपकी लत
आपके अपनों को
करे बीमार

संकटग्रस्त
धूम्रलती के संग
बच्चा बेचारा

कहाँ जाए वो
छोड़ निज घर को
बच्चा तुम्हारा

हुआ ग़ज़ब
धुआँँ छोड़ा आपने
बच्चा बीमार

भोगे आपके
दुर्व्यसनों की सज़ा
शिशु लाचार  

पड़े पत्थर
अक्ल पे व्यसनी के
एक ना सुनी

गुलाम हुआ
नशे की आदत का
जान पे बनी

खोखले हुए
जिगर औ फेंफड़े
विपदा भारी

लग जानी है
अब उपचार में
दौलत सारी

नहीं निशानी
सिगार सिगरेट
मर्दानगी की

सबब हैं ये
बर्बाद सेहत की
बेचारगी की

छोड़ें ये लत
सँवारें जीवन को
संकल्प धारें

छुएँ ना कभी
सिगार सिगरेट
भूल सुधारें





साधना वैद













8 comments:

  1. व्वाहहहह..
    हर विषय पर माहिर मेरी दीदी..
    सादर नमन..

    ReplyDelete
  2. हार्दिक धन्यवाद आपका दिग्विजय जी ! दिल से आभार !

    ReplyDelete
  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    २९ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  5. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे !

    ReplyDelete
  6. हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका !

    ReplyDelete
  7. बहुत ही लाजवाब....
    वाह!!!

    ReplyDelete
  8. हार्दिक धन्यवाद सुधा जी ! आभार आपका !

    ReplyDelete