Tuesday, June 21, 2022

पितृ दिवस _ लघुकथा

 

गर्मियों की शाम थी ! देवांश के दोस्त इन दिनों घर के अन्दर ही डेरा जमाये रहते थे ! मम्मी लू लगने के डर से बाहर जाने ही नहीं देती थीं ! स्कूल में अध्यापिका थीं तो उन्हें बच्चों को किसी न किसी गतिविधि में व्यस्त रखने का खूब अनुभव था ! आज भी मम्मी ने सब बच्चों को ड्रॉइंग शीट देकर सबसे आगामी पितृ दिवस के उपलक्ष्य में एक ड्रॉइंग बनाने के लिए कहा ! विषय था बच्चे और उनके पापा एक दूसरे के साथ कैसा समय बिताते हैं इसे चित्र के द्वारा बताएं ! क्योंकि यह एक प्रतियोगिता थी इसलिए सब बच्चों को दूर दूर बैठाया गया था कि वे एक दूसरे का चित्र देख कर नक़ल ना करें ! 

बच्चे उत्साह से चित्र बनाने में जुट गए ! घर में काम करने वाली लीला का बेटा कन्हैया भी यह सब बहुत ध्यान से देख रहा था ! देवांश के पास जाकर बोला –

“भैया जी हमको भी एक कागज़ दो ना ! हम भी चित्र बनायेंगे !”

“तुझे आता भी है चित्र बनाना ?” देवांश ने हँस कर कहा ! लेकिन उसका उत्साह देख कर उसने कन्हैया को भी एक ड्रॉइंग शीट और रबर पेन्सिल पकड़ा दी !

प्रतियोगिता का समय समाप्त हो चुका था और सब बच्चे अपनी अपनी ड्रॉइंग देवांश की मम्मी के पास जमा कर चुके थे ! आज का परिणाम सबको चौंकाने वाला था ! सर्वश्रेष्ठ चित्र का पुरस्कार कन्हैया को मिला था ! देवांश की मम्मी ने कन्हैया को खूब सारी चॉकलेट्स इनाम में दीं और उसे गले से लगा कर बहुत प्यार किया !

बच्चों के चित्रों में विविधता थी ! किसीमें पापा बच्चों के लिए घोड़ा बने हुए उन्हें सवारी करा रहे थे, किसीमें बच्चों को चॉकलेट और गुब्बारे दे रहे थे, किसी में बच्चे पापा के कंधे पर सवार थे तो किसीमें बच्चों को पापा किताब से कहानी सना रहे थे ! कन्हैया के चित्र में उसके पापा हाथ में डंडा लेकर बच्चे की पिटाई लगा रहे थे और खाट के नीचे दारू की बोतल और एक गिलास लुढ़का हुआ पड़ा था !

 

साधना वैद

 


24 comments:

  1. ओह ! भावुक कर देने वाली लघुकथा

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    1. यह एक कटु यथार्थ है रंजू जी ! बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार आपका !

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  2. कटु सत्य को कहती मार्मिक लघु कथा

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    1. हार्दिक धन्यवाद संगीता जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  3. ओह! बहुत मर्मांतक अभिव्यक्ति साधना जी।बच्चे का मन बहुत कोमल होता है।प्रतिभा किसी वर्ग विशेष की मोहताज नहीं होती।और कला ईश्वर प्रदत्त प्रतिभा है जिसे बाहर आना ही चाहिये।एक भावपूर्ण और संदेशपरक रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं 🙏🙏♥️♥️🌺🌺🌹🌹

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    1. आपने पढ़ा सराहा मेरा श्रम सार्थक हुआ रेणु जी ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !

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  4. बहुत सुन्दर

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    1. हार्दिक धन्यवाद जीजी ! बहुत बहुत आभार !

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  5. आपकी लिखी  रचना  शुकवार   24 जून  2022     को साझा की गई है ,पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।संगीता स्वरूप 

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    1. दिल से बहुत बहुत आभार आपका संगीता जी ! सप्रेम वन्दे !

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  6. शानदार रचना
    सादर नमन

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    1. हार्दिक धन्यवाद यशोदा जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  7. मार्मिक लघुकथा ।

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    1. हार्दिक धन्यवाद मीना जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  8. साधना दी बहुत ही मार्मिक लघु कथा है भावुक कर गयी

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    1. स्वागत है रचना जी ! आप शायद पहली बार मेरे ब्लॉग पर आई हैं ! बहुत बहुत धन्यवाद एवम् आभार !

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  9. मार्मिक लघुकथा।

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    1. हार्दिक धन्यवाद जयोति जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  10. बालकाल में कोमल मन पर छपी कुछ स्मृतियां आजीवन नहीं भुलायी जाती।
    संवेदनशील लघुकथा।
    सादर।

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    1. हार्दिक धन्यवाद श्वेता जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  11. बाल मनोविज्ञान को दर्शाती मार्मिक कथा।

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    1. स्वागत है रेखा जी ! बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार आपका !

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  12. बच्चे जो देखते हैं वही बयां करते हैं बहुत ही हृदयस्पर्शी सृजन।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद सुधा जी ! हृदय से आभार आपका ! यह हमारे समाज में एक वर्ग का कटु सत्य है !

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