Monday, October 13, 2025

मुक्तक




 कब आओगे साजन मन के दीप जलाऊँ

व्रत है करवा चौथ हाथ मेंहदी लगवाऊँ

सबका चाँद तो दूर गगन में चमक रहा है

अपने चंदा का दर्शन कर अर्ध्य चढ़ाऊँ !



साधना वैद

No comments:

Post a Comment