कब आओगे साजन मन के दीप जलाऊँ
व्रत है करवा चौथ हाथ मेंहदी लगवाऊँ
सबका चाँद तो दूर गगन में चमक रहा है
अपने चंदा का दर्शन कर अर्ध्य चढ़ाऊँ !
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