Sunday, September 19, 2010

* परिणति *

भावों की भेल,
आँखों का खेल,
शब्दों का मेल,
प्यार की निशानी है !

होंठों पे गीत,
नैनों में मीत,
पाती में प्रीत,
जोश में जवानी है !

आँचल की छाँव,
सपनों का गाँव,
कविता की नाव,
प्यार की रवानी है !

उल्फत का मोल,
लोगों के बोल,
तल्खी का घोल,
रीत ये पुरानी है !

सूली पर प्यार,
रिश्तों की मार,
अपनों से हार,
दुःख भरी कहानी है !

साधना वैद

17 comments:

  1. अपनो से हार
    दुख भरी कहानी है ।
    जीवन की प्रेमयात्रा की अभिव्यक्ति ।

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  2. क्या बात है...


    भावों की भेल,-ये भेल कौन सी??? मुम्बईया या कोई और शब्द है?

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  3. होंठों पे गीत,
    नैनों में मीत,
    पाती में प्रीत,
    जोश में जवानी है !
    प्रेरक पंक्तियां।

    बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
    कहानी ऐसे बनीं–, राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें

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  4. सूली पर प्यार,
    रिश्तों की मार,
    अपनों से हार,
    दुःख भरी कहानी है !
    बिलकुल सही कहा। बहुत अच्छी लगी रचना बधाई।

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  5. बहुत अच्छी रचना है |
    "आँचल के -------प्यार की रवानी है "
    बहुत अच्छी पंक्तियाँ
    बधाई
    आशा

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  6. सूली पर प्यार,
    रिश्तों की मार,
    अपनों से हार,
    दुःख भरी कहानी है !

    सभी बातें बहुत सार्थकता से लिखी हैं ...अच्छी अभिव्यक्ति

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  7. ehaar dukh bharee kahaanee hai sacvh hee yahaa aakar bade -bade bhi haar jaate hai

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  8. लय युक्त अभिव्यक्ति सुंदर लगी.

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  9. bahut khub...
    behtareen rachnaon mein se ek...
    ----------------------------------
    मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..
    जरूर आएँ..

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  10. सूली पर प्यार,
    रिश्तों की मार,
    अपनों से हार,
    दुःख भरी कहानी है !

    सच भी और कडवा भी । सुंदर रचना ।

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  11. जग जीतने वाले अपनों से ही हार जाते हैं ...
    अच्छी कविता ..!

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  12. bhavabhivykti sshkt hai lekhni prbudh hai .gitatmkta se sji prstuti .

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  13. उल्फत का मोल,
    लोगों के बोल,
    तल्खी का घोल,
    रीत ये पुरानी है !

    बहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति...जीवन के सारे सच से रूबरू कराती कविता

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  14. ओह...लाजवाब...
    बहुत बहुत सुन्दर !!!
    मन मोह गयी आपकी यह कविता..
    क्या भाव है,क्या प्रवाह है...बेजोड़...

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  15. बहुत ही अच्छी अच्छी नई नई बातें पता चली आपकी आज की इस पोस्ट से .....गीत बहुत ही मधुर है .....आभार
    kya baat hai..bilkul sahi
    bahut bhadiya lagi aapki yah rachana...aabhar
    yahan bhi aaiyega
    http://kavyamanjusha.blogspot.com/
    http://anushkajoshi.blogspot.com/

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  16. उल्फत का मोल,
    लोगों के बोल,
    तल्खी का घोल,
    रीत ये पुरानी है !

    How true !

    .

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