वाह गागर में सागर...कम पंक्तियों में गहरी बात कह दी...
हर इंसान की वही कहानी है -कुछ हंसती कुछ रोती सी जिंदगानी है - बहुत सुंदर रचना
waah, kam kaha per bahut suna
पता नहीं आप की रचनाओं से आप की तस्वीर मेल नहीं खाती..मगर रचना बहुत अच्छी है..
lo ji aise kaise ho gaya ?????arey 5 meter ki sarri bhi kam pad gayi????ha.ha.ha.ha.damdar lines hain janaab bheeeeeeetar tak paith gayi.
वाह...कितनी मर्म स्पर्शी भावपूर्ण रचना है...नीरज
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बहुत खूबसूरत ...सबको अपनीपीड़ा ही ज्यादा दिखाई देती है ...पर असलियत जब पता चलती है तो एहसास होता है .
choti lekin gahre arthon wali......
बहुत खूब लिखा है |बधाई आशा
बेहद गहरी पैठ बनाती आपकी काव्य शैली, संवेदनाओं को उकेरती रचना , कम शब्दों में, अभिवादन
चंद शब्दों में इतनी गहरी बात और बहुत भावपूर्ण. शुभकामनाएँ स्वीकारें.
चंद शब्दों में इतनी गहरी बात कह दी आपने.. भावपूर्ण रचना के लिए बहुत - बहुत आभार...
बहुत खूबसूरत बहुत पसन्द आयाहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवादबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
वाह गागर में सागर...
ReplyDeleteकम पंक्तियों में गहरी बात कह दी...
हर इंसान की वही कहानी है -
ReplyDeleteकुछ हंसती कुछ रोती सी जिंदगानी है -
बहुत सुंदर रचना
waah, kam kaha per bahut suna
ReplyDeleteपता नहीं आप की रचनाओं से आप की तस्वीर मेल नहीं खाती..
ReplyDeleteमगर रचना बहुत अच्छी है..
lo ji aise kaise ho gaya ?????
ReplyDeletearey 5 meter ki sarri bhi kam pad gayi????
ha.ha.ha.ha.
damdar lines hain janaab bheeeeeeetar tak paith gayi.
वाह...कितनी मर्म स्पर्शी भावपूर्ण रचना है...
ReplyDeleteनीरज
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ReplyDeleteबहुत खूबसूरत ...सबको अपनीपीड़ा ही ज्यादा दिखाई देती है ...पर असलियत जब पता चलती है तो एहसास होता है .
ReplyDeletechoti lekin gahre arthon wali......
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है |बधाई
ReplyDeleteआशा
बेहद गहरी पैठ बनाती आपकी काव्य शैली, संवेदनाओं को उकेरती रचना , कम शब्दों में, अभिवादन
ReplyDeleteचंद शब्दों में इतनी गहरी बात और बहुत भावपूर्ण. शुभकामनाएँ स्वीकारें.
ReplyDeleteचंद शब्दों में इतनी गहरी बात कह दी आपने.. भावपूर्ण रचना के लिए बहुत - बहुत आभार...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत
ReplyDeleteबहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..