इससे
पहले कि
मेरी
निर्मल धवल कोमल
ताज़ा
पंखुड़ियाँ कुम्हला कर
मलिन
हो जायें ,
मेरी
सुंदर सुडौल खड़ी हुई
नारंगी
डंडियाँ तुम्हारे
मस्तक का
अभिषेक करने से पहले ही
मुरझा कर
मस्तक का
अभिषेक करने से पहले ही
मुरझा कर
धरा
पर बिखर जायें
मुझे
बहुत सारा स्थान
अपने
चरणों में और
थोड़ा
सा स्थान
अपने
हृदय में दे दो प्रभु
कि
मेरा यह अल्प
जीवन
सुकारथ हो जाये
और
मेरी इस क्षणभंगुर
नश्वर
काया को
सद्गति
मिल जाये !
साधना
वैद
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