चुनाव आया
माहौल गरमाया
देश हिलाया !
वोटर जागो
विवेक को चेताओ
देश बचाओ !
सोचो समझो
झूठ की पर्तें खोलो
सत्य को चुनो !
असमंजस
नेता जी के वायदे
झूठ या सच !
उतारते हैं
एक दूजे की आबरू
कैसे ये नेता !
अपनाते हैं
छल बल कौशल
सत्ता के लिये !
विचार करो
हितैषी हैं ये, या हैं
शत्रु हमारे !
उसे चुनो जो
करे देश से प्यार
हो पानीदार !
समर्पित हो
जो जनता के लिये
तन मन से !
आई जाती है
मतदान की बेला
नि:शंक हो ले !
साधना वैद
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