एक थी चिड़िया
एक थी चिड़िया ! चिड़िया कैसे बोलती है ? चीं चीं ची !
एक था चिरौटा ! चिरौटा कैसे बोलता है ! चूँ चूँ चूँ !
दोनों मज़े से एक घोंसला बना कर रहते थे ! एक दिन चिड़िया ले आई कहीं से दाल
और चिरौटा ले आया चावल ! दोनों ने मिल कर खिचड़ी बनाई ! उसमें दही मिला कर दोनों ने
मज़े से खूब खाई, खूब खाई, खूब खाई !
पेट भर गया तो चिड़िया बोली,
“चिरौटे चिरौटे मेरा झूला झूलने का मन कर रहा है !”
चिरौटा बोला, “मैं अभी झूला डाल देता हूँ !”
पास में था एक कुआं ! कूए में था पानी ! पानी खींचने के लिये कूए के ऊपर
लगी हुई थी एक घिर्री ! चिरौटे ने घिर्री से बाँध कर पतले से डोरे का एक झूला टाँग
दिया ! उस झूले पर बैठ कर चिड़िया खूब झूली, खूब झूली, खूब झूली ! डोरा टूट गया !
चिड़िया छपाक से पानी में गिर गयी ! चिड़िया ने पानी में से बाहर निकलने की बहुत
कोशिश की लेकिन क्योंकि उसके पंख भीग गये थे इसलिए वह बाहर निकल ही नहीं पाई !
चिरौटा घबरा कर रोने लगा और चूं चूं चूं करने लगा !
उधर से आई एक बिल्ली ! बिल्ली कैसे बोलती है, “म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ !”
बिल्ली ने चिरौटे से पूछा, “तुम क्यों रों रहे हो ?” वह रो रो कर कह रहा था,
“ऊं ऊं ऊं मेरी चिड़िया गिर गयी ! ऊं ऊं ऊं मेरी चिड़िया गिर गयी !”
बिल्ली ने पूछा, “मैं निकाल दूँ ?”
चिरौटे ने कहा, “निकाल दो !”
बिल्ली बोली “लेकिन मैं उसे खा जाउँगी !”
चिरौटा बोला, “ठीक है !”
बिल्ली ने पानी में छलाँग लगाई और चिड़िया को बाहर निकाल लाई ! फिर चरौटे से
पूछने लगी, “मैं इसे खा लूँ ?”
चिरौटे ने कहा, “अभी नहीं ! सूख जाए तो खा लेना !”
थोड़ी देर के बाद चिड़िया आधी सूख गयी ! बिल्ली ने चिरौटे से फिर पूछा,
“अब तो मैं इसे खा लूँ ?”
चिरौटा फिर बोला, “अभी नहीं ! जब पूरी सूख जाए तब खा लेना !”
कुछ देर बाद चिड़िया पूरी सूख गयी ! बिल्ली ने पूछा,
“अब तो इसे खा लूँ ?”
चिरौटा बोला, “खा लो !”
लेकिन जैसे ही बिल्ली चिड़िया को खाने के लिये आगे बढ़ी चिड़िया फुर्र से उड़
कर अपने घोंसले में जा बैठी ! चिरौटा भी उड़ कर चिड़िया के पास पहुँच गया !
बिल्ली देखती रह गयी, चिड़िया फुर्र से उड़ गयी !
बिल्ली देखती रह गयी, चिड़िया फुर्र से उड़ गयी !
साधना वैद
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