फिज़ां में खौफ
दस्तक आतंक की
मासूम मौतें !
आतंकी खेल
सहमे से चेहरे
खूनी दरिंदे !
खूनी संगीनें
खौफनाक मंज़र
रोते माँ बाप !
बच्चों की लाशें
बिलखते माँ बाप
खामोश खुदा !
शातिर चालें
सियासी दांव पेंच
जुबानी बातें !
हैरान सारे
दहशत के मारे
शर्मिन्दा खुदा !
आतंकी नाच
ग़मज़दा माहौल
सुन्न सन्नाटा !
विषैली धरा
नफ़रत के बीज
हिंसा की खाद
फसल में उगते
बेरहम दरिंदे !
देख ले खुदा
कैसे बनाए तूने
वहशी बंदे
फर्क ना कर पाए
पाप और पुण्य में !
कहाँ सो गया
मेहरबान मौला
झेल न पाया
यह आतंकी खेल
अपने ही बन्दों का !
बख्शना मत
रहमान अल्लाह
सख्त सज़ा दे
वहशी दरिंदों को
बच्चों के कातिलों
को !
साधना वैद !
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