मातृ दिवस पर आप सभीको हार्दिक शुभकामनायें
माता के सम्मान को, जो सुत जाये भूल,
हिय में उसका आचरण, चुभता जैसे शूल !
माँ की ममता का कभी, चुका न पाये मोल,
उसके प्यार दुलार का, हर पल है अनमोल !
माँ की नज़रें पारखी, करतीं सबको मूक,
सही गलत के भेद में, कभी न होती चूक !
माँ तेरा निर्मल हृदय, था सबका आवास,
लक्ष्मी, दुर्गा, शारदे, करतीं उसमें वास !
तूने सिखलाया हमें, करना खुद पर मान,
कभी न पल को छोड़ते, धैर्य आत्मसम्मान !
धूप छाँह सी ज़िन्दगी, रंगों का आगार,
हमने माँ हर रंग से, सजा लिया संसार !
माता तेरी सीख का, है मुझ पर उपकार,
तेरी शिक्षा से चले, मेरा घर संसार !
माँ, सागर सी गहनता, पर्वत सा विश्वास,
झरने सी उन्मुक्तता, देते तेरा भास !
जिसने अपनी मात का, किया नहीं सम्मान,
प्रभु की नज़रों से गिरा, मिला न जग में मान !
श्रद्धा की भावांजली, औ’ आँसू के हार,
अर्पित हैं माता तुझे, अनुपम यह उपहार !
साधना वैद
No comments:
Post a Comment