Monday, August 10, 2015

सुनती हो शुभ्रा





“ सुनती हो शुभ्रा ! अरे भई कहाँ हो ? पड़ोस के शर्मा जी दस दिनों के लिये शिमला जा रहे हैं ! उनकी माताजी अकेली रह जायेंगी ! तुम उनके खाने पीने दवा इलाज का ज़रा ख़याल रख लेना ! दिक्कत हो तो उन्हें यहीं ले आओ अपने घर ! “ 

“ सुनती हो शुभ्रा ! तुम बच्चों को लेने स्कूल जाओ तो ज़रा बैंक तक चली जाना और मेरे कुछ ड्राफ्ट जमा कर आना ! बच्चों की छुट्टी से पहले चली जाना जिससे उन्हें दिक्कत ना हो ! “ 

“ सुनती हो शुभ्रा ! वरुण को हिस्ट्री का प्रोजेक्ट बनाना है ! मुझसे मदद माँग रहा था ! अब मेरे पास तो टाइम है नहीं ! ज़रा तुम ही इंटरनेट से सर्च कर उसे लिखवा देना ! ज़रूरी तस्वीरों के प्रिंट आउट भी निकाल देना ! “ 

“ सुनती हो शुभ्रा ! कानपुर वाली भाभी जी का फोन आया था ! वे कल आ रही हैं एक हफ्ते के लिये ! उनके रहने के लिये गेस्ट रूम तैयार कर लेना ! “ 

“ सुनती हो शुभ्रा ! तुम्हारे जैसे कटहल के कोफ्ते और कोई बना ही नहीं सकता ! कटहल ले आया हूँ शाम के खाने में आज कोफ्ते ज़रूर बना लेना ! “

“ सुनती हो शुभ्रा ! भल्ला जी की बिटिया को छायावादी कवियों पर एक निबंध लिखना है ! मुझसे कह रही थी कि मैं तुमसे कह दूँ कि तुम उसे लिख कर दे दो ! अब उन्हें कहाँ जानकारी है इन सब बातों की ! तुम्हारे लिये तो बाँए हाथ का काम है ! ज़रा समय निकाल कर लिख देना ! खुश हो जायेगी बच्ची ! “ 

“ सुनती हो शुभ्रा ! मेरे कुछ बहुत ज़रूरी पेपर्स नहीं मिल रहे हैं ! आज दिन में ज़रा वक्त निकाल कर मेरे पेपर्स कायदे से फाइलों में लगा देना ! “ 

“ सुनती हो शुभ्रा ! ये डॉक्टर साहेब कह रहे हैं ब्रेन में क्लॉटिंग की वजह से तुम्हारे शरीर का बाँया हिस्सा पैरेलाइज्ड हो गया है ! तुम अपने पैरों में मालिश .......... ? 

ओह .... हे भगवान .... ये क्या हो गया ? “

साधना वैद

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