स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में विशिष्ट प्रस्तुति
मस्ती में झूमे
सातों गगन चूमे
तिरंगा प्यारा !
मिली आज़ादी
विहँसी माँ भारती
प्रफुल्ल देश !
झूमे मगन
लहराए तिरंगा
हर्षित धरा !
जिये आन से
सीमा की सुरक्षा में
मरे शान से !
देश महान
तुझ पर कुर्बान
है मेरी जान !
बुलंद नारे
गर्वित लाल किला
जोश में प्रजा !
देश की शान
भारत के गौरव
वीर जवान !
संकल्प लेंगे
अपने भारत का
मान रखेंगे !
वीर सैनिक
सीमा के रखवाले
माँ के दुलारे !
ऋणी रहेगा
तुम्हारी कुर्बानी का
भारत सारा !
जोड़ा है रिश्ता
तोप बन्दूक संग
किया विवाह
देश की सुरक्षा से
सीमाएं ससुराल !
निज रक्त से
करते अभिषेक
सजाते भाल
ऐसे वीर सपूत
डरे जिनसे काल !
कहो शान से
शायर ने भी कहा
दिलो जान से
सारे जहाँ से अच्छा
हिन्दोस्तान हमारा !
आन रखेंगे
अपने भारत का
मान रखेंगे
सूर्य से भी ऊपर
तेरा नाम रखेंगे !
सुनो न देव
बार-बार जनमूँ
इसी देश में
और फिर मिलूँ भी
वतन की माटी में !
साधना वैद
सभी पाठकों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
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