“सम्वेदना की नम धरा पर” फैली काव्य धारा विविधता लिए है | साधना की ‘साधना’ लेखन में स्पष्ट झलकती है | बचपन से ही साहित्य में रूचि और कुछ नया करने की ललक उसमें
रही जो रचनाओं के माध्यम से समय-समय पर प्रस्फुटित हुई | रचनाधर्मिता का वृहद् रूप उसकी कविताओं में समाया है |
कम उम्र
से ही साधना ने पारिवारिक दायित्वों का कुशलतापूर्वक वहन किया और समय-समय
पर अपने विचार लिपिबद्ध किये | साधना स्वभाव से बहुत भावुक
और संवेदनशील है | सामाजिक सरोकारों के विविध विषयों और समसामयिक
समस्याओं पर तथा नारी उत्पीड़न, महिला जागृति एवं कन्या भ्रूण ह्त्या जैसे
संवेदनशील मुद्दों पर लिखी रचनाओं में साधना के मनोभावों
की प्रस्तुति उसकी उन्नत सोच की परिचायक है | ‘मौन’, ‘पुराने
ज़माने की माँ’, ‘सुमित्रा का संताप’, ‘मैं तुम्हारी माँ हूँ’, ‘तुम क्या जानो,’ ‘गृहणी’,
‘चुनौती’ जैसी रचनाएं जहाँ नारी के सतत संघर्ष की गाथा सुनाती हैं वहीं ‘आक्रोश’
और ‘मैं वचन देती हूँ माँ’ कन्या भ्रूण ह्त्या जैसी सामाजिक कुरीति की ओर पाठकों
का ध्यान आकृष्ट करती हैं | वह प्रकृति के सान्निध्य से भी दूर नहीं | ‘सूर्यास्त’, ‘दो ज़िद्दी पत्ते’ तथा ‘वसंतागमन’ जैसी रचनाएं उसके प्रकृति
प्रेम की परिचायक हैं ! उसके भावों में गहराई है और लेखन में परिपक्वता है |
कलम का
जादू और पैनी दृष्टि सहजता से रचनाओं की माला में सुरभित पुष्पों की भाँति गूँथी
गयी है | ये भावपूर्ण रचनाएं साहित्यिक दृष्टि से प्रशंसनीय हैं | खूबसूरत बिम्ब यत्र-तत्र कविताओं के सौन्दर्य को बढ़ाते हैं | बहु आयामी लेखन की धनी साधना का गद्य और पद्य दोनों
पर ही समान अघिकार है | साहित्यिक भाषा लेखन की विशेषता है | वह अंतरजाल पर
सन् २००८ से सक्रिय है | सतत लेखन नवीन लेखकों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है |
मुझे
हार्दिक प्रसन्नता है कि साधना की मेहनत रंग लाई है और उत्कृष्ट रचनाओं का यह काव्य
संकलन “सम्वेदना की नम धरा पर” प्रबुद्ध पाठकों के समक्ष है | मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं इस महत्वपूर्ण प्रयास के लिए और यही कामना
है कि साधना की कलम से इसी प्रकार कविता की अविरल धारा बहती रहे तथा जो गुण उसने
हमारी माँ श्रीमती ज्ञानवती सक्सेना “किरण” से अर्जित किये
उनका पूर्ण उपयोग कर वह इस क्षेत्र में ऐसा योगदान दे कि पाठक उसकी रचनाओं को
बारम्बार पढ़ें और फिर भी पढ़ने की ललक बनी रहे |
इस
उत्कृष्ट काव्य संकलन की अपार सफलता के लिये एक बार पुनः साधना को मेरा बारम्बार शुभाशीष
और हार्दिक शुभकामनायें |
आशा
सेवा निवृत व्याख्याता
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