Wednesday, August 14, 2019

है बैठा सुबह से मेरी छत पे कागा



न चूड़ी न कंगन
न सिक्कों की खन खन
न गोटे की साड़ी
न पायल की छन छन !

न गहना न गुरिया
न चूनर न लहँगा   
न देना मुझे कोई
उपहार महँगा !

मुझे चाहिए बस  
दुआओं का तोहफा
मुरव्वत का तोहफा
   मुहब्बत का तोहफा !
  
मुझे चाहिये एक
तुमसे ये वादा
निभाना उसे चाहे
हो कोई बाधा !

रहोगे सदा वृक्ष
की छाँह बन कर
जियोगे सदा दीप
  की ज्योत बन कर !

रखोगे सदा नेह
का हाथ सिर पर
चले आओगे एक
आवाज़ सुन कर !

है बैठा सुबह से
मेरी छत पे कागा
तुम्हें खींच लायेगा
राखी का धागा !

खड़ी द्वार पर हूँ  
हैं पथ पर निगाहें
चले आओ भैया
मैं तकती हूँ राहें !

प्रभु आज तुमसे है
इतनी सी विनती
हों भैया की झोली में
खुशियाँ अनगिनती !

साधना वैद

16 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " गुरुवार 15 अगस्त 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. दिल जीत लिया आपकी रचना ने...स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।

    ReplyDelete
  3. बेहतरीन प्रस्तुति रक्षाबंधन एवम् स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाए

    ReplyDelete
  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-08-2019) को "आजादी का पावन पर्व" (चर्चा अंक- 3429) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    स्वतन्त्रता दिवस और रक्षाबन्धन की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-08-2019) को "आजादी का पावन पर्व" (चर्चा अंक- 3429) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    स्वतन्त्रता दिवस और रक्षाबन्धन की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  6. वाह !बहुत ही सुन्दर सृजन
    सादर

    ReplyDelete
  7. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी ! सप्रेम वन्दे !

    ReplyDelete
  8. जी मीना जी ! रचना आपको अच्छी लगी मेरा हृदय भी मगन हुआ ! हार्दिक आभार !

    ReplyDelete
  9. हार्दिक धन्यवाद ऋतु जी ! हृदय से आभार !

    ReplyDelete
  10. हार्दिक धन्यवाद अनीता जी ! आभार आपका !

    ReplyDelete
  11. स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई...बेहतरीन प्रस्तुति

    ReplyDelete
  12. हार्दिक धन्यवाद दीपशिखा जी !

    ReplyDelete
  13. हार्दिक धन्यवाद संजय ! आभार आपका !

    ReplyDelete
  14. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (5 -8 -2020 ) को "एक दिन हम बेटियों के नाम" (चर्चा अंक-3784) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    ---
    कामिनी सिन्हा

    ReplyDelete
  15. वाह!!!
    रक्षाबंधन पर बहुत ही भावपूर्ण सृजन।

    ReplyDelete