Friday, August 16, 2019

इन्द्रधनुष के रंग


ओ रे चितेरे
धरा से गगन तक
चहुँ ओर रंगों के इस
विस्मय विमुग्धकारी विस्तार 
को देख कर हैरान हूँ कि
तूने समस्त व्योम पर 
अपने भण्डार के 
सारे मनोरम रंगों को 
यूँ ही उलीच दिया है या 
अपनी विलक्षण तूलिका से 
तूने आसमान के कैनवस पर  
यह अनुपम नयनाभिराम
चित्र बड़ी दक्षता के साथ
धीरे-धीरे उकेरा है !
ओ भुवन भास्कर
आज तेरी कलाकारी की
मैं भक्त हो गयी हूँ कि  
कैसे तेरी धधकती दहकती
प्रखर रश्मियाँ
वातावरण में व्याप्त
नन्हे-नन्हे जल कणों के
संपर्क में आ उनकी आर्द्रता से
प्रभावित हो अपनी समस्त
ज्वलनशीलता को त्याग
इतने अनुपम सौंदर्य की सृष्टि
कर जाती हैं और
धरा से गगन तक
इन्द्रधनुष के मनभावन
रंगों की छटा चहुँ ओर
स्वयमेव बिखर जाती है !
इतना ही नहीं
इन्द्रधनुष के ये रंग
मानव हृदय में
अशेष आनंद भर देने के
साथ-साथ दे जाते हैं
एक चिरंतन सन्देश
जीवन्तता और सृजनात्मकता का  
विवेक और संतुलन का
आध्यात्मिकता और अनन्तता का
और एक शाश्वत पीड़ा का
जो ना केवल
हर मानव के जीवन का
प्रतिबिम्ब हैं वरन्
अभिन्न हिस्सा भी हैं
उसकी नियति का !  



इंद्रधनुष के सात रंग इन विशिष्ट गुणों के परिचायक हैं ! 


लाल – जीवन्तता
नारंगी – सृजनात्मकता 
पीला – विवेक
हरा – संतुलन 
नीला – आध्यात्मिकता 
जामुनी – अनन्तता 
बैंगनी – शोक, दु:ख 

  

साधना वैद

18 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 16/08/2019 की बुलेटिन, "प्रथम पुण्यतिथि पर परम आदरणीय स्व॰ अटल बिहारी वाजपाई जी को नमन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. आपका हार्दिक धन्यवाद शिवम् जी ! बहुत बहुत आभार !

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  3. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 17 अगस्त 2019 को साझा की गई है........."सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद

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  4. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-08-2019) को "देशप्रेम का दीप जलेगा, एक समान विधान से" (चर्चा अंक- 3431) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  5. सांध्य दैनिक मुखरित मौन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !

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  6. सोमवारीय हमकदम की हलचल में मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !

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  7. रविवारीय चर्चामंच में मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !

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  8. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, साधना दी।

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  9. हार्दिक धन्यवाद ज्योति जी ! आभार आपका !

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  10. बेहद खूबसूरत प्रस्तुति

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  11. वाह!!बेहतरीन सृजन ,साधना जी ।

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  12. जी बहुत खूबसूरत ।

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  13. हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका !

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  14. हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शुभ्रा जी ! स्वागत है आपका !

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  15. हार्दिक धन्यवाद सुजाता जी ! आभार आपका !

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  16. इन्द्रधनुषी रंगों की खूबसूरत तस्वीर उकेरती बहुत ही सुन्दर रचना....

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  17. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार सुधाजी!

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