Thursday, May 5, 2022

रिक्तता


 

यह कैसी रिक्तता

आकर ठहर गयी है

मेरे मन मस्तिष्क में !

कोई ख़याल नहीं,

कोई कल्पना नहीं,

कोई विचार नहीं,

कोई अनुभूति भी नहीं

फिर कहूँ भी तो क्या !

न अभिव्यक्ति के लिए

कुछ उमड़ता है मन में

न ही पहले की तरह

शब्द बेताब दिखाई पड़ते हैं

कुछ कहने को,

कुछ सुनाने को,

कुछ बताने को !

बस एक खाली कलश सी

बहती जाती हूँ

समय की धारा के साथ !

जिस दिन तूफ़ान की ज़द में

आने के बाद

थोड़ा सा भी पानी

इस कलश में भर जायेगा

मेरा वजूद

धारा की अतल गहराइयों में

समा जाएगा बिलकुल खामोशी से

और किसीको पता भी नहीं चलेगा

किस भँवर में कौन कहाँ डूबा

और किसकी कौन सी कहानी

अनसुनी ही रह गयी !

 

साधना वैद

 


17 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(०६-०५-२०२२ ) को
    'बहते पानी सा मन !'(चर्चा अंक-४४२१)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !

      Delete
  2. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ६ मई २०२२ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार प्रिय श्वेता जी ! सभी साहित्यकारों का हृदय से अभिनन्दन !

      Delete
  3. उदास मन की गहन अभिव्यक्ति !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद अनुपमा जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

      Delete
  4. वाह!बहुत खूब!

    ReplyDelete
    Replies
    1. दिल से धन्यवाद शुभ्रा जी ! बहुत बहुत आभार !

      Delete
  5. हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

      Delete
  7. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद ज्योति जी ! स्वागत है आपका इस ब्लॉग पर ! बहुत बहुत आभार आपका !

      Delete
  8. हार्दिक धन्यवाद ज्योति भाई जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

    ReplyDelete
  9. बहुत सुन्दर रचना |

    ReplyDelete
  10. वाह ...... बहुत खूबसूरत एहसास

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद संजय ! बहुत बहुत आभार आपका !

      Delete