ठहर बच्चू
कहाँ भाग रहा
है
पकड़ लिया
बड़ा सताया
आज पकड़ आया
चैन आ गया
घुस डिब्बे में
मना तू पिकनिक
दोस्तों के संग
बंद कर दूँ ?
लगा दूँ ना
ढक्कन ?
क्या कहता है ?
जी करता है
उखाडूँ तेरी
मूँछें
तोडूँ कमर
पर जाने दे
माफ़ कर देता
हूँ
एक वादे पे
नहीं करेगा
कोई चीज़ खराब
शांत रहेगा
भागेगा नहीं
नुक्सान न
करेगा
चुप बैठेगा
बोल करेगा
मुझसे ये
प्रोमिस
मानेगा बात ?
तो आ जा फिर
दोस्त बन जाएँ औ’
प्यार से रहें !
साधना वैद
सुंदर कविता।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद नीतीश जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteसुंदर रचना...
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