Monday, May 29, 2023

घनेरी घटाओं का आलय : मेघालय - 1

 


आठ मई - आगरा से दिल्ली की ओर प्रस्थान- 


एक लम्बी अवधि के बाद फिर से प्रोग्राम बना था घूमने का और वह भी मेरी मनपसंद जगह का जिसे देखने की साध वर्षों से अपने मन में संजोये थी और जहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता के बारे में पढ़ सुन कर उसे साक्षात देखने की उत्सुकता अपने चरम पर थी ! आप समझ तो गए ही होंगे यह स्थान है उत्तर पूर्वी भारत का बेहद खूबसूरत स्थान मेघालय !
उज्बेकिस्तान की यात्रा के बाद विश्व मैत्री मंच के तत्वावधान में पर्यटन के प्रसार प्रचार के हितार्थ मेघालय त्रिपुरा की सैर का यह प्रस्ताव मेरे लिए एक सुखद फुहार जैसा ही था जिसे मैंने बिना एक पल गँवाए तुरंत ही स्वीकार कर लिया ! पतिदेव को मनाने के लिए भी बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ी क्योंकि इन प्रदेशों को देखने की इच्छा इनके मन में भी कहीं न कहीं बलवती तो थी ही ! लिहाजा तुरंत ही इच्छित धनराशि जमा करवा कर हमने अपना नाम जाने वालों की सूची में दर्ज करवा लिया !

पिछले वर्ष काश्मीर का जो कार्यक्रम बना था मैं उसमें नहीं जा पाई थी ! एक तो मेरी पसली में फ्रैक्चर हो गया था दूसरे मेरी पोती बरखा का टेंथ बोर्ड का इम्तहान था ! उसे सालाना परीक्षाओं के दौरान छोड़ कर जाना मुझे उचित नहीं लगा फिर मेरी पसली में भी काफी दर्द था इसलिए सब्र करना पड़ा लेकिन मेघालय त्रिपुरा घूमने के इस अवसर को मैं किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती थी इसलिए अति व्यस्त होते हुए भी और कई प्रतिकूल परिस्थितियों की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए भी हमने अपने सूटकेस इस यात्रा के लिए पैक करना आरम्भ कर दिए !

अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की संस्थापिका एवं संचालिका आदरणीया संतोष श्रीवास्तव जी हमारी ग्रुप लीडर थीं ! जैसा वो कहती गयीं हम करते गए और हमारे आने जाने के सारे टिकिट्स वगैरह भी उन्हीं के सौजन्य से बुक हो गए ! इस सुखद आनंदमय प्रवास का समय था नौ मई से सोलह मई के बीच ! बहुत छोटा सा ग्रुप था कुल आठ लोगों का ! यह भी हमें जाने से दो चार दिन पहले ही पता चला था ! इस यात्रा में हमें मेघालय के कुछ बहुत ही प्रसिद्ध एवं बहुत ही खूबसूरत प्राकृतिक पर्यटन स्थल देखने थे जो कुछ चेरापूँजी में और कुछ उसके आस पास स्थित हैं ! मेघालय की राजधानी शिलौंग की सैर करनी थी जो अपने सम्पूर्ण नैसर्गिक सौन्दर्य के साथ भी एक छोटा सा बहुत ही आकर्षक एवं आधुनिक नगर है ! इसके अलावा अपने धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक वैभव से समृद्ध त्रिपुरा प्रांत की राजधानी अगरतला एवं उसके आस पास के स्थानों की सैर भी हमें करनी थी जो अपने प्राचीन मंदिरों, महलों एवं राजसी ऐश्वर्य के लिए सारे विश्व में प्रसिद्ध हैं !  

उज्बेकिस्तान की यात्रा में लगभग तीस लोगों का ग्रुप था ! लेकिन इस बार केवल आठ ही लोग थे लेकिन मत पूछिए कि हम आठ लोगों ने ही कितना धमाल किया, कितने मज़े लिए और हम सबको इस ट्रिप में कितना आनंद आया ! एक छोटा सा परिवार सा बन गया था हम लोगों का ! सब एक दूसरे के दुख तकलीफ में पूर्ण समर्पण के साथ बराबर से खड़े हुए और समान रूप से चिंतित और प्रभावित !
नौ मई की सुबह पौने छ: पर हमारी फ्लाइट को दिल्ली से गुवाहाटी के लिए उड़ान भरनी थी ! इसके लिए हमें रात को दो से तीन के बीच एयरपोर्ट पहुँच जाना था ! अगर आगरा से ही देर से निकलते और सीधे एयरपोर्ट ही पहुँचते तो बड़ी थकान हो जाती और सारी रात का जागरण हो जाता सो अलग ! इसलिए यही उचित समझा गया कि आठ तारीख को ही आगरा से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर लिया जाए और एक रात के लिए किसी होटल में ठहर कर कुछ घंटों की नींद लेकर तीन साढ़े तीन बजे तक एयरपोर्ट पहुँच जाएँ ताकि अगले दिन के लिए यथेष्ट ऊर्जा भी बची रहे और उत्साह भी ! हमसे भी अधिक हमारे बेटे हमारी इस यात्रा के लिए उत्साहित थे ! एयरपोर्ट के ही पास ‘होली डे इन’ में बड़े बेटे स्वरुप ने हमारे लिए कमरा बुक करा दिया था और हम शाम को लगभग पाँच बजे होटल में चेक इन करके अपने आरामदायक कमरे में दिन भर की थकान उतार रहे थे ! होटल बहुत ही खूबसूरत है और उसका इंटीरियर देखते ही बनता है ! साँझ उतरते-उतरते ही नीचे डाइनिंग हॉल में जाकर बेहद ज़ायकेदार डिनर लेने के बाद हमने रात दो बजे की वेक अप कॉल रिसेप्शन पर बुक कराई ! रात को साढ़े तीन बजे एयर पोर्ट पहुँच कर रिपोर्ट करने की समस्या थी लेकिन इसका भी सामाधान आसानी से हो गया ! रात को तीन बजे होटल की कैब हमें एयर पोर्ट ड्रॉप कर देगी यह सब सुनिश्चित करने के बाद हम जल्दी ही सोने के लिए चले गए !

तो दोस्तों आज का किस्सा यहीं तक ! आपको आगे का यात्रा वृत्तांत भी तो सुनाना हैं ना ! यह था मेघालय त्रिपुरा के ट्रिप के पहले दिन यानि कि आठ तारीख का रोज़नामचा ! अभी तो खूब सारे स्थानों की आपको सैर करानी है तो तैयार रहिये मेरी अगली पोस्ट पढ़ने के लिए ! आपको सैर करायेंगे मेघालय के कुछ बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थलों की ! आज विदा दीजिये ! आपसे जल्दी ही मुलाकात होगी यह मेरा वादा है आपसे !

शुभ रात्रि !

साधना वैद    


7 comments:

  1. बहुत सुंदर

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    1. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आपका ओंकार जी !

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  2. ग्रुप में घूमने का आनंद ही कुछ और है।
    बहुत अच्छी यात्रा प्रस्तुति

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    1. हार्दिक धन्यवाद एवं बहुत बहुत आभार आपका कविता जी !

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  3. बहुत बढ़िया सृजन

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    1. हार्दिक धन्यवाद सुजाता जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  4. हार्दिक धन्यवाद रवीन्द्र जी ! सुखद आश्चर्य हुआ ! बहुत बहुत आभार आपका एवं सादर वन्दे !

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