Saturday, November 2, 2013

आज खुशियों भरी दीवाली है

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !


हर घर के स्वागत द्वार पर
छोटे-छोटे दीपों का हार है
प्रभु की स्नेहिल अनुकम्पा का
यह अनुपम उपहार है !
उर अंतर का हर कोना
आज खुशियों के उजास से
जगमगा रहा है
दीप मालिकाओं का
उज्जवल प्रकाश
घनघोर तिमिर को परास्त कर
गगन के सितारों को भी
लजा रहा है !
आज मन से यही दुआ
उच्छ्वसित होती है कि
हर घर झिलमिल दीपों की
रोशनी में नहाया हो   
हर हृदय ने हर्ष और उल्लास से
आनंद के छोर को गहाया हो !  
हर अधर पर खुशी के तराने हों  
मन में बसे दुःख, अवसाद
हताशा और अन्धकार को
जला डालने के सारे बहाने हों !
उठी मेरे भी मन में
यही कामना मतवाली है
हर्ष और उत्साह से
सब त्यौहार मनायें
आज खुशियों भरी दीवाली है !

साधना वैद





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