इंग्लिश रहती महलों में, सडकों पर हिन्दी रोती है
अपनी हिन्दी अपने घर के बाहर नैन भिगोती है !
बच्चे सारे पढ़ते अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में
हिन्दी में बातें करने पर जहाँ पे झिड़की मिलती है !
जान बूझ कर मम्मी पापा चुनते इन स्कूलों को
फिर हिन्दी की दुर्गति पे क्यों उनकी आँखें झरती हैं !
उल्टी सीधी अंग्रेज़ी में बच्चे गिट पिट करते हैं
लेकिन नहीँ वाक्य इंगलिश का एक शुदध वो लिखते हैं
हिन्दी सुगम सरल भाषा है पढ़ना इसको है आसान
जैसे लिखते वैसे पढ़ते नहीं कोई भी क्लिष्ट विधान
फिर भी इससे जाने क्यों सब करते सौतेला व्यवहार
इसको सरका कोने में करते इंग्लिश की जयजयकार
जो न कर सके अपनी ही भाषा का समुचित आदर मान
नहीं विश्व में कमा सकेंगे वो कोई यश और सम्मान !
होती नहीं मातृभाषा की कहीं उपेक्षा ऐसी भी
जैसी हिन्दी की होती है और अपनी ही बोली की !
बड़े शर्म की बात है इसका कोई तो हल करना है
अपनी भाषा का गौरव हमको स्थापित करना
है !
पढ़ें लिखें बोले हिन्दी में हिन्दी का सम्मान करें
शिक्षा का माध्यम हो हिन्दी इसके लिए प्रयास करें !
ज्ञान बढाने के हित चाहे जितनी अन्य भाषा सीखें
लेकिन हिन्दी मातृभाषा है सर्वप्रथम इसको सीखें !
साधना वैद
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 22 सितम्बर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद यशोदा जी ! आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ! सादर वन्दे !
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteहिंदी दिवस पर भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद जीजी ! बहुत बहुत आभार आपका !
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