Sudhinama
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Friday, March 22, 2024
Thursday, March 14, 2024
आभासी मित्र
Friday, March 8, 2024
हे शिव शंभू
हे महादेव
फ़ैल गया असत
विनाश करो
भ्रष्टाचार से
सिक्त इस जग को
पावन करो
छाये हुए हैं
चहुँ ओर असुर
संहार करो
भोले शंकर
पीड़ित हुए भक्त
आश्वस्त करो
आये शरण
तुम्हारे चरणों में
वरदान दो
हे शिव शम्भू
त्रस्त हो चुके अब
निर्वाण करो !
साधना वैद
Sunday, March 3, 2024
दो मुक्तक
मस्तक पर हिमगिरी हिमालय नैनों में गंगा यमुना
अंतर में हैं विन्ध्य अरावलि सुन्दर संस्कृति
का सपना
मुट्ठी में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर उत्ताल
भारत मेरा अपना है और मैं हूँ भारत का अपना !
जन्म लिया जिस माटी में हम क़र्ज़ उतारेंगे उसका
पाया जिसके कण कण से हम फ़र्ज़ निभायेंगे उसका
आँख उठा कर देखेगा यदि दुश्मन भारत माँ की ओर
पल भर की भी देर न होगी शीश काट लेंगे उसका !
Sunday, February 25, 2024
बसंत ऋतु
खिला पलाश
झूमा अमलतास
मन हर्षाया
उल्लास छाया
सकल जगत में
वसंत आया
दहका टेसू
लटकाये फानूस
दीपित वन
हर्षित सृष्टि
उल्लसित धरती
सँवारे तन
आये मदन
गाने लगे विहग
स्वागत गान
विस्मित प्राण
अनुरक्त वसुधा
फूलों के बाण
आ गए कन्त
करने अभिसार
धरा तैयार
गूँथ ली वेणी
सजा लिए तन पे
फूलों के हार
फूली सरसों
डाल डाल पुष्पित
महके बाग़
धरती खेले
मनोहर रंगों से
पी संग फाग
साधना वैद
Wednesday, February 14, 2024
आया वसंत
वसंत पंचमी की आप सभीको हार्दिक बधाई
प्रेम का राग
गुंजित चहुँ ओर
सृष्टि विभोर
स्वागतोत्सुक
प्रणयिनी वसुधा
प्रतीक्षारत
मदन बाण
मुदित मन प्राण
लज्जावनत
पीत वसना
प्रणयिनी वसुधा
सकुचाई सी
शोभित धरा
सोहे अमलतास
झूमे पलाश
वसंत आया
स्वर्णिम गहने
धरा पहने
राह में तेरी
बिछने को आतुर
पीले गुलाब
आया बसंत
अब साकार होगा
हमारा ख्वाब
भास्कर आये
क्षितिज की कोर पे
धरा मुस्काये
खोलो कपाट
आने को है वसंत
करो स्वागत !
साधना वैद
Monday, February 12, 2024
संग उड़ना चाहती हूँ